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Cloudburst wreaks havoc in Himachal: 10 died in Mandi, 11 places affected
मंडी। बीते मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में 11 जगहों पर बादल फटने की घटनाओं ने कहर बरपाया। खासकर मंडी जिले के गोहर, करसोग, थुनाग और धर्मपुर उपमंडलों में सात स्थानों पर यह प्राकृतिक आपदा इतनी भयावह थी कि कई मकान धराशायी हो गए और बाढ़ के तेज बहाव में लोग फंसे। इस त्रासदी में 10 लोगों की मौत हुई जबकि 28 अभी भी लापता हैं। ग्रामीणों और प्रशासन की संयुक्त कोशिशों से अब तक 132 लोगों को सुरक्षित निकालकर उनकी जान बचाई जा चुकी है।
गोहर उपमंडल के ज्यूणी खड्ड में अचानक आए भीषण सैलाब ने तबाही मचा दी। तेज बहाव की चपेट में आकर झाबे राम और पदम देव के दो मकान पानी में समा गए, जिससे उनके परिवार के नौ सदस्य लापता हो गए। अब तक दो महिलाओं के शव बरामद किए जा चुके हैं। वहीं, बाड़ा पंचायत में एक अन्य मकान के ढहने से छह लोग मलबे के नीचे दब गए हैं। इस हादसे में मां-बेटे की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि तीन घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद चार लोगों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया।
परवाड़ा में दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां नाले के तेज बहाव में मां, बेटा और बहू बह गए। राहत की बात यह रही कि पांच साल की बच्ची किसी तरह सुरक्षित बच गई। वहीं, बेटे का शव बरामद कर लिया गया है। दूसरी ओर, थुनाग उपमंडल के बगस्याड़, थुनाग और जंजैहली क्षेत्रों में बादल फटने से भारी तबाही मची है।
हिमाचल में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक स्कूल कर्मचारी के परिवार सहित 19 लोग तेज बहाव में बह गए, जिनमें से 4 के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 15 लोग अब भी लापता हैं। करसोग के सकरोल और कुट्टी इलाकों में बादल फटने की घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार लोग लापता हैं। लारजी और डैहर पावर हाउस में बीते 28 घंटे से बिजली उत्पादन ठप है, वहीं 16 मेगावाट क्षमता वाला पटिकरी प्रोजेक्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। धर्मपुर क्षेत्र का स्याठी गांव पूरी तरह जमींदोज हो गया है, जिससे हालात और भी भयावह हो गए हैं।