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Cruelty to children will not be tolerated; Commission issues strict instructions
Chhattisgarh NEWS: छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों से जुड़ी किसी भी तरह की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर से प्राप्त निरीक्षण रिपोर्टों और विभिन्न बाल-संबंधी शिकायतों की गहन समीक्षा की गई है, जिसके आधार पर सभी विभागों को तत्काल और कठोर कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।
निरीक्षणों में कई कमियां उजागर
डॉ. शर्मा ने हाल ही में बाल संरक्षण गृहों, पर्यवेक्षण गृहों और अन्य संस्थाओं में किए गए औचक निरीक्षणों की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर स्वच्छता के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। भोजन की गुणवत्ता घटिया पाई गई, सुरक्षा व्यवस्था कमजोर थी और बच्चों की देखभाल से जुड़े कई मामलों में गंभीर खामियां सामने आईं।
उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण गृहों में ऐसे बच्चे भी रहते हैं जिनके माता-पिता जेल में सजा काट रहे हैं। ऐसे संवेदनशील बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध न होना उनके आहार अधिकारों के खिलाफ है।
मंत्री ने लिया प्रत्यक्ष संज्ञान
कोरबा प्रवास के दौरान राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने भी बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया और बच्चों से मुलाकात कर उनकी स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और इस दिशा में निरंतर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
स्कूलों में भी मिली लापरवाही
आयोग को कई स्कूलों से साफ-सफाई की कमी, खेल मैदानों की जर्जर हालत और स्कूल परिसरों के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री जैसी गंभीर शिकायतें मिली हैं। इस पर आयोग ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को संयुक्त रूप से सभी स्कूलों में सुरक्षित, स्वच्छ और सकारात्मक वातावरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
दुर्व्यवहार का मामला दर्ज
डॉ. वर्णिका शर्मा ने बताया कि एक निरीक्षण के दौरान बाल संरक्षण गृह में एक बच्चे के हाथ और पीठ पर चोट के निशान पाए गए। पूछताछ में बच्चे ने कर्मचारियों द्वारा दुर्व्यवहार की बात स्वीकार की। इस पर तत्काल संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ धारा 75 के तहत क्रूरता का मामला दर्ज कर उन्हें बर्खास्त करने का निवेदन भी किया गया है।
डॉ. शर्मा ने स्पष्ट कहा कि बच्चों पर किसी भी प्रकार की क्रूरता, उपेक्षा या अत्याचार को सख्ती से रोका जाएगा, और दोषियों पर तुरंत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।