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Devastation due to massive cloudburst in Kishtwar, 53 bodies recovered so far, Machail Yatra suspended
किश्तवाड़। किश्तवाड़ जिले के चिशोती इलाके में गुरुवार को आए भीषण बादल फटने ने भारी तबाही मचा दी। घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। अब तक 53 शव बरामद कर लिए गए हैं और उन्हें आधिकारिक रूप से मृत घोषित कर दिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि कई लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि राहत एवं बचाव अभियान ‘फुल स्विंग’ में चल रहा है। सेना, अर्धसैनिक बल, जम्मू-कश्मीर पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन पूरी ताकत के साथ राहत कार्यों में जुटे हैं। उन्होंने स्थानीय निवासियों के साहस की भी सराहना की, जिन्होंने आपदा के तुरंत बाद बचाव कार्य शुरू कर दिया।
जितेंद्र सिंह ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से पवित्र श्री मचैल यात्रा क्षेत्र को सड़क, बिजली, मोबाइल टावर, पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकीं।
एडीसी किश्तवाड़ ने बताया कि आपदा के बाद श्री मचैल यात्रा को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। जिस जगह पर बादल फटा, वहीं चार पहिया वाहनों के खड़े होने की जगह और कई अस्थायी दुकानें मौजूद थीं, जिन पर अचानक बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पड़ा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सोचकर डर लगता है कि कितने लोग अब भी मलबे में दबे हैं और कितने लोग उन जानलेवा 15 सेकंड में बह गए।” प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी। वहीं इस हादसे से पूरा क्षेत्र शोक में डूबा है और लगातार राहत व बचाव कार्य जारी है।