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ED ECIR Kawasi used to get 50 lakhs every month close associate Sushil Ojha also in trouble absconding before raid
रायपुर। शराब घोटाला केस को लेकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के घरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी की है। इस कार्रवाई में सबसे बड़ा नाम पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा विधायक कवासी लखमा का है। आज शनिवार सुबह से रायपुर में कवासी लखमा के घर समेत सुकमा जिले में उनके पुत्र हरीश कवासी, सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष राजू साहू और अन्य नेताओं के ठिकानों पर छापे मारे गए हैं।
इस बीच घोटाले को लेकर ईडी ने अपनी ईसीआईआर में कहा है कि छत्तीसगढ़ में सरकारी संरक्षण में शराब घोटाला हुआ है। इसमें 2161 करोड़ रुपए का अवैध रूप लेन देन हुआ है। इसमें नेता, और सरकारी अफसर शामिल रहे हैं।
करीब डेढ़ वर्ष की जांच के बाद बनी ईसीआईआर (रिपोर्ट)में ईडी ने कई खुलासे किए। इसमें बतौर मंत्री कवासी की भूमिका पर ईडी ने कहा है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से जुड़े अवैध कमीशन के रूप में हर महीने 50 लाख रुपये मिलते थे, जो कि इस घोटाले के वित्तीय हिस्से का हिस्सा था। इस घोटाले में अन्य नेताओं और अफसरों का भी नाम सामने आया है।
गौरतलब है कि, ईडी ने 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है जिनमें कवासी लखमा भी शामिल हैं। लखमा, अशिक्षित हैं और वे हस्ताक्षर भी नहीं कर सकते। ऐसे में राज्य के राजस्व से जुड़ा इतना अहम विभाग उनके जिम्मे देकर सत्ता प्रमुख उनकी आड़ में आबकारी कारोबार से जुड़े काम करते रहे? कवासी से आज की पूछताछ और दस्तावेजों की जब्ती जांच के बाद घोटाले में शामिल लोगों पर जांच तेज होने की संभावना है।
प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर), प्रवर्तन निदेशालय का एक दस्तावेज है जिसे व्यापक रूप से पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट के समान माना जाता है।
गौरतलब है कि, लखमा पर हुए इस एक्शन को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गयी है। कांग्रेस ने इसे बीजेपी की दुर्भावना को दर्शाने वाला कहा। वही मंत्री केदार कश्यप ने भी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा है की, इस घोटाले में लखमा को मोहरा बनाकर घोटाले को अंजाम देने का काम किया है।
बता दें कि, कवासी के घर के भीतर 6 घंटे की छानबीन और पूछताछ के बाद दोपहर करीब 1 बजे ईडी के तीन अधिकारियों ने बाहर निकलकर कवासी की कार सीजी 04 एमएम 0009 से बड़ी मात्रा में कागजात जब्त किया। आशंका यह है कि कवासी घोटाले से संबंधित कागकाज घर में न रखकर हमेशा कार में रखते थे। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि ये कागजात हाल के शीतसत्र कवासी के पूछे प्रश्न और उत्तरों से सम्बंधित हैं।
निकाय और पंचायत चुनाव से ठीक पहले जिला पंचायत और नगर पालिका अध्यक्ष के ठिकानों पर ईडी की रेड से हडक़ंप मचा हुआ है। इस कार्रवाई न केवल सुकमा बल्कि बस्तर संभाग के निकायों की राजनीति पर बड़ा असर करेगा। भाजपा इसे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्रचार में इस्तेमाल करेगी।
ईडी ने सुबह 5 बजे पहले सुकमा में कवासी लखमा के बेटे और जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी के साथ नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घरों पर दबिश दी। इससे पहले की कवासी को इस छापे की खबर लगती टीम ने रायपुर स्थित उनके आवास पर 6 बजे दस्तक दे दी। उस वक्त कवासी नींद से उठकर आंगन में आराम से धूप सेंक रहे थे।
बता दें कि, कवासी पिछले लंबे अर्से से सुकमा अपने घर नहीं जाकर रायपुर में ही रह रहे हैं। बीते दिनों समपन्न हुए शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में ही उनसे पूछा गया था कि वे कितने महीनों से घर नहीं गए हैं। कवासी को मई 23 में हुए झीरम कांड के मुख्य चश्मदीद भी है और वे आधिकारिक रूप से नक्सलियों के थ्रेट में भी है।
इधर ईडी ने कांग्रेस नेता सुशील ओझा के घर पर ईडी ने दबिश दी है। सुशील कवासी के करीबी रहे हैं और चौबे कॉलोनी में रहते हैं। सुशील, कवासी के लिए लाइजनिंग करते रहे हैं । उनके पिता जीआरपी रायपुर में पदस्थ थे। सुशील कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी और पीसीसी सदस्य हैं। सुशील रायपुर से बाहर है। ईडी अफसर उनके बड़े भाई, पत्नी नौकर और ड्राइवर समेत अन्य परिजनों से पूछताछ और घर में तलाशी कर रहे हैं। आशंका यह भी है कि प्रदेश के पुलिस महकमे में खासी दखल रखने वाले सुशील को छापे की भनक लग गई थी। इसके बाद ही वह फरार हो गए। सुशील के 2 जनवरी को रायपुर लौटने की जानकारी मिली है।