

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार

EOW raids locations of 20 officials in Bharatmala Project scam case
रायपुर: छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने शुक्रवार सुबह बड़ी कार्रवाई शुरू की है। सुबह से ही रायपुर, दुर्ग, भिलाई, अभनपुर और आरंग में 17 से 20 अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है।
ईओडब्ल्यू के मुताबिक, किसानों को मिलने वाली मुआवजा राशि में बड़े पैमाने पर हेराफेरी कर अफसरों और बिचौलियों ने करीब 43 करोड़ रुपये का बंदरबांट किया है। इस घोटाले में तात्कालिक एसडीएम निर्भय साहू और तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के नाम प्रमुखता से सामने आए हैं। दोनों अधिकारियों के रायपुर स्थित आवासों पर छापा मारा गया है।
इस कार्रवाई में एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी और राजस्व निरीक्षक जैसे राजस्व विभाग के कई अधिकारियों को जांच के दायरे में लिया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन अधिकारियों ने किसानों की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर मुआवजे की रकम गलत खातों में ट्रांसफर करवाई।
ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि दलालों की मदद से जमीन के दामों में मनमर्जी से बढ़ोतरी की गई, जिससे वास्तविक किसानों को कम और फर्जी दावेदारों को करोड़ों का मुआवजा मिला। कई मामलों में जमीन का अधिग्रहण दिखाकर भुगतान कर दिया गया, जबकि जमीन का अधिग्रहण कभी हुआ ही नहीं।
छापेमारी के दौरान ईओडब्ल्यू की टीमों ने बड़ी मात्रा में दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए हैं। इन सभी की फॉरेंसिक जांच की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मुआवजे की रकम किन खातों में गई और इसमें किन अधिकारियों और दलालों की संलिप्तता थी।