

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार
.jpg&w=3840&q=75)
Big news: GST scam of Rs 130 crore exposed in four states, network of fake billing exposed in connivance with coal-cement traders
भोपाल। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र में फैले 130 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की जांच में सामने आया है कि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के माध्यम से बड़े पैमाने पर कोयला, सीमेंट और स्टील के कारोबार में गड़बड़ियां की गई हैं। अब तक की जांच में यह जीएसटी चोरी का सबसे बड़ा खुलासा माना जा रहा है।
EOW ने इस मामले में बिलासपुर से कोयला कारोबारी शेख जफर, रांची से विनोद सहाय और भोपाल से राजा शेख को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि, चोरी के कोयले के कारोबार को छिपाने के लिए फर्जी बिलिंग का सहारा लिया गया, जबकि ठेकेदारों ने निर्माण कार्यों में फर्जी बिल दिखाकर सीमेंट की जीएसटी चोरी की।
जांच में खुलासा हुआ है कि इस घोटाले की शुरुआत 2018 में हुई थी, जो अब चार राज्यों तक फैल चुका है। आरोपितों ने बोगस कंपनियां बनाकर फर्जी इनवॉइस तैयार किए, जिनके आधार पर कारोबारी इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत उपयोग कर रहे थे। अब तक सामने आए 512 करोड़ रुपये के फर्जी बिलों में सबसे ज्यादा लेन-देन सीमेंट, कोयला और स्टील सेक्टर से जुड़ा है।
EOW अब इस बात की भी गहराई से जांच कर रही है कि क्या वाणिज्यिक कर विभाग और अन्य सरकारी अधिकारियों की इस घोटाले में मिलीभगत है।जबलपुर वाणिज्यिक कर विभाग के सहायक आयुक्त की सूचना पर इस घोटाले की जांच की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद इस माह EOW ने औपचारिक प्रकरण पंजीबद्ध किया। वहीं विशेष रूप से गिरफ्तार आरोपी विनोद सहाय, इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जिसने अन्य आरोपियों को बोगस फर्म बनाने और फर्जी कारोबार शुरू करने के निर्देश दिए। शेख जफर और राजा शेख ने विनोद की शह पर कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए और कारोबार को वैध दिखाने की साजिश रची।
जांच एजेंसी के निशाने पर अब कई बड़े ठेकेदार और उद्योगपति हैं, जो इस फर्जीवाड़े के लाभार्थी बताए जा रहे हैं। अनुमान है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं। EOW अधिकारियों के अनुसार, यह घोटाला केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि व्यवस्थागत विफलता और अधिकारियों की लापरवाही का भी परिणाम है, जिसकी व्यापक जांच जरूरी है।