Heated debate on Waqf Amendment Bill in Lok Sabha, Congress MP Imran Masood raised serious questions on WAMSI portal
नई दिल्ली: बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल को पेश किया गया, जिससे भारतीय राजनीति में एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है। इस बिल पर विभिन्न दलों के सांसदों ने अपने विचार व्यक्त किए, लेकिन खासतौर पर सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सरकार के इस संशोधन बिल पर गंभीर सवाल उठाए। उनके तर्क ने मुस्लिम समुदाय के बीच इस बिल को लेकर चिंता को और भी बढ़ा दिया है।
इमरान मसूद ने क्या कहा?
इमरान मसूद ने लोकसभा में दिए अपने भाषण में सरकार के वक्फ संशोधन बिल पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “WAMSI पोर्टल का बार-बार जिक्र हो रहा था। 10 साल बहुत लंबा समय होता है। आप 10 साल में सभी संपत्तियों का पंजीकरण नहीं कर सके। आप 10 साल में यह काम नहीं कर सके, लेकिन अब आप कहते हैं कि संपत्तियों का पंजीकरण 6 महीने के भीतर करना होगा और अगर ऐसा नहीं किया जाता, तो वे संपत्तियां अब वक्फ की नहीं रहेंगी। पंजीकरण कौन करेगा? आपके अधिकारी। जब यह 10 साल में नहीं किया जा सका तो 6 महीने में कैसे किया जाएगा? यह एक संविधान विरोधी विधेयक है।”
इमरान मसूद के इस बयान के बाद वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से जुड़े सवाल और अधिक गंभीर हो गए हैं। उनका कहना है कि जो काम पिछले 10 वर्षों में नहीं किया जा सका, उसे अचानक छह महीने में पूरा करना असंभव है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस बिल के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि यदि कोई संपत्ति WAMSI पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हो पाती, तो वह अब वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी। इसके अलावा, मुस्लिम समुदाय का यह भी मानना है कि भाजपा शासित राज्यों में अधिकारियों द्वारा जानबूझकर वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण करने में कठिनाइयाँ उत्पन्न की जा सकती हैं, जिससे उनके अधिकारों का हनन हो सकता है।
WAMSI पोर्टल क्या है?
WAMSI (Waqf Assets Management System of India) पोर्टल भारतीय सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों के डिजिटल प्रबंधन के लिए तैयार किया गया एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। इस पोर्टल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में रखना, पारदर्शिता बढ़ाना और अवैध कब्जों को रोकना है। वक्फ बोर्ड इस पोर्टल पर अपनी संपत्तियों का पंजीकरण, सर्वेक्षण और दस्तावेज़ीकरण कर सकते हैं। इससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित होता है और राज्य के स्तर पर भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की संभावना कम होती है।
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