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INS Imphal equipped with BrahMos and Barak missiles joins Navy
नई दिल्ली। हिन्द महासागर में चीन की बढ़ रही गतिविधियों से भारत अपनी जलसेना की शक्ति बढ़ाने में जुटा है। भारतीय नौसेना ने आज भारत निर्मित आईएनएस इम्फाल को नौसेना में शामिल किया। इसके इंडियन नेवी में शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी। आईएनएस इंफाल के नौसेना में कमीशन होने का कार्यक्रम मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में आयोजित हुआ। इसका निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड में किया गया है और इसके निर्माण में 75 प्रतिशत तकनीक स्वदेशी है। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे मौजूद थे।
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INS IMPHAL की कुल लंबाई 535 फीट, ऊंचाई 57 फीट और कुल वजन 7400 टन है। इस पर 300 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं और यह एक बार में 42 दिनों तक समुद्र में रह सकता है। इस पर ध्रुव और सी किंग हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जा सकते हैं। यह परमाणु हमले, जैविक हमले और रसायनिक हमले की स्थिति में भी लड़ने के लिए सक्षम है।
आईएनएस इम्फाल की ताकत -
टॉरपीडो ट्यूब
पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर
एकीकृत प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणाली
स्वचालित पावर प्रबंधन प्रणाली
सुपर रैपिड गन माउंट के अलावा लड़ाकू प्रबंधन प्रणाली
फोल्डेबल हैंगर डोर
हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम
क्लोज-इन वेपन सिस्टम
सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल
सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल
इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, "आईएनएस इम्फाल न केवल समुद्र या उससे उत्पन्न होने वाले भौतिक खतरों से निपटेगा, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि एकीकृत भारत की प्रदर्शित ताकत के माध्यम से, वह हमारी राष्ट्रीय एकता को नष्ट करने की कोशिश कर रहे नापाक मंसूबों को रोक देगा।" जैसा कि हम बोल रहे हैं, हमारे पास व्यापारी जहाजरानी पर समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए 15 अल्फा और ब्रावो श्रेणी के चार विध्वंसक तैनात हैं।