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If there is no expensive liquor then there is no work BJP leader hunger strike for alcoholics Patwari uproar
रायपुर। राज्य में शराब की वजह से अलग-अलग हैरान कर देने वाली घटनाएं देखने को मिले। जोकि अब खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। अभनपुर में अनुविभाग के उपतहसील खोरपा के एक रीडर द्वारा पक्षकार के प्रकरण को केवल इसलिए ख़ारिज कर दिया गया क्योंकि उसके वकील ने रिश्वत के तौर पर महँगी शराब नहीं दी। रीडर ने पक्षकार के वकील से प्रकरण निपटाने के एवज में महंगी शराब की बोतलें मांगी थी। आरोप है कि अभनपुर के अधिवक्ता नागेंद्र सिन्हा के पक्षकार का राजस्व प्रकरण खोरपा उप तहसील कार्यालय में लंबित है, इसको निपटाने के एवज में नायब तहसीलदार के बाबू ऋतुराज सिंह ने महंगी शराब की पांच बोटल मांगी थी। वकील द्वारा महंगी शराब नहीं देने पर प्रकरण को नियम विरुद्ध खारिज कर दिया गया। अधिवक्ता ने एसडीएम, कलेक्टर एवं राजस्व सचिव को बातचीत के ऑडियो सहित इसकी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। एसडीएम रवि सिंह ने बताया कि बातचीत का ऑडियो सुनने से प्रथम दृष्टया में ही शिकायत की पुष्टि हो रही है। आरोपी बाबू पर कार्रवाई करने प्रस्ताव भेजा जाएगा।
वहीं दूसरी घटना में बलरामपुर शहर के चांदो मोड़ के पास शराब पीकर गाड़ी चला रहे कुसमी इलाके के भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पकड़ लिया। इसके बाद भाजपा जिला उपाध्यक्ष ने खूब हंगामा किया। जिला उपाध्यक्ष सड़क पर लेट गए और कार्यकर्ताओं को छोड़ने के साथ उच्च अधिकारियों से बात कराने की मांग करने लगे। उन्होंने पुलिस कर्मियों को थाने से हटवाने की धमकी दी है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया में वीडियो पोस्ट कर सुशासन पर सवाल उठाते हुए भाजपा सरकार पर तंज कसा है।
जानकरी के मुताबिक 10 जनवरी को बलरामपुर के राधिका ठाकुर के यहां एक कार्यक्रम था। यहां कुसमी इलाके से एक बस के साथ दो स्कार्पियों में सवार होकर भाजपा कार्यकर्ता के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण बलरामपुर पहुंचे थे। रात को 11.30 बजे वहीं खाना खाने के बाद सभी ने शराब पी और घर वापस जाने लगे। तभी सड़क सुरक्षा सप्ताह और तातापानी महोत्सव को देखते हुए चांदो मोड़ के पास पुलिस वाहन चेकिंग में लगी थी। चेकिंग के दौरान पुलिस को पता चला कि सभी ने शराब पी है और गाड़ी चला रहे है। इसके बाद पुलिस ने सभी को पकड़ लिया और चालान काटा। इससे भाजपा कार्यकर्ता भड़क गए और जिला उपाध्यक्ष अजीत सिंह को फोन लगाकर बुलाया। जिला उपाध्यक्ष अजीत ने पुलिस कर्मियों से सभी कार्यकर्ताओं को छोड़ने की बात कहीं, लेकिन पुलिस कर्मियों ने एसपी के निर्देश और चालान कटने का हवाला देकर उन्हें नहीं छोड़ा। इसके अजीत सिंह वहां सड़क पर ही लेट गए। सड़क पर लेटते ही वहां भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई। करीब 20 मिनट तक काफी मान मनौव्वल के बाद अजीत सिंह सड़क से उठे।
वहीं तीसरे मामले में प्रतापपुर के गोविंदपुर- गांव के पटवारी कार्यालय में भूमि की ऋण पुस्तिका लेने पहुंचे ग्रामीण ने पटवारी पर शराब के नशे में अभद्र व्यवहार करने और रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर तहसील में के गोविंदपुर निवासी रोहित रजक ने इसकी शिकायत रेवटी पुलिस चौकी में की है। शिकायत अनुसार शुक्रवार को रोहित रजक एक साथी के साथ पटवारी कार्यालय में ऋण पुस्तिका लेने पहुंचा था। इसके एवज में पटवारी ने उससे 20 हजार रुपये की मांग की। जब ग्रामीण ने पैसे नहीं दिए तो शराब के नशे में धुत्त पटवारी ने अभद्र व्यवहार करते हुए कार्यालय से बाहर निकाल दिया। अन्य ग्रामीणों ने भी आरोप लगाते हुए कहा- गोविंदपुर के पटवारी कार्यालय में शाम होते ही शराब की महफिल सज जाती है। पटवारी ने एक सहयोगी भी रखा है, जो ग्रामीणों से फौती, नामांतरण, नक्शा दुरुस्त करने और अन्य दस्तावेजों के लिए रिश्वत की मांग करता है। आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन से पटवारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने मांग की है।