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Indian truck drivers in the US face a crisis: Over 7,000 drivers have lost their jobs, sparked by a new Trump administration order.
नई दिल्ली। कभी भारतीयों के लिए सपनों का देश कहे जाने वाले अमेरिका में अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं। अमेरिकी सड़कों पर काम करने वाले 7,000 से अधिक ट्रक ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया गया है। इनमें सबसे अधिक प्रभावित भारतीय मूल के ड्राइवर बताए जा रहे हैं। यह कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के तहत की गई है, जिसके अनुसार अब केवल वही ड्राइवर देश में काम कर पाएंगे जो अंग्रेजी भाषा में दक्षता (English Language Proficiency) साबित कर सकें।
ट्रंप प्रशासन का नया आदेश
अमेरिकी ट्रांसपोर्ट सचिव सीन डफी ने बताया कि अक्टूबर से 7,248 कॉमर्शियल ट्रक ड्राइवरों को "आउट ऑफ सर्विस" कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला राष्ट्रपति ट्रंप के उस आदेश के अनुपालन में लिया गया है, जिसके तहत अंग्रेजी को अमेरिका की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया है। यह आदेश 1 मार्च, 2025 को लागू किया गया था।
डफी ने बताया कि इस आदेश का उद्देश्य अमेरिका की सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाना है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ड्राइवर ट्रैफिक सिग्नल, सड़क सुरक्षा संकेत, बॉर्डर पेट्रोल, कार्गो लिमिटेशन और अन्य निर्देशों को अंग्रेजी में ठीक से समझ सकें। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि कई सड़क दुर्घटनाओं का कारण भाषा की कमी भी रही है, जिसके चलते गलतफहमी और लापरवाही से हादसे बढ़े हैं।
भारतीय ड्राइवर सबसे अधिक प्रभावित
अमेरिका में ट्रकिंग उद्योग में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के ड्राइवर काम करते हैं। ट्रांसपोर्ट यूनियनों के अनुसार, भाषा दक्षता परीक्षण में असफल होने वालों में भारतीय, पाकिस्तानी, फिलीपीनो और लातिन अमेरिकी ड्राइवरों की संख्या सबसे अधिक है। पिछले साल जहां 1,500 ड्राइवरों को नौकरी से निकाला गया था, वहीं इस साल यह संख्या 7,000 के पार पहुंच चुकी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप का यह आदेश इमिग्रेशन और विदेशी श्रमिकों पर नियंत्रण की दिशा में उठाया गया एक और कदम है। पहले भी ट्रंप प्रशासन ने वीजा नियमों को सख्त करते हुए भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरी पाना मुश्किल बना दिया था। अब इस नए आदेश से ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भारतीय ड्राइवरों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
सुरक्षा के नाम पर सख्ती
ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि यह कदम अमेरिकी सड़कों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। रिपोर्टों के मुताबिक, हाल के वर्षों में हुए ट्रक हादसों में विदेशी ड्राइवरों की भूमिका सामने आई है, जिनमें भाषा की समझ न होने के कारण वे सुरक्षा निर्देशों को सही तरह से फॉलो नहीं कर पाए। ट्रंप ने कहा था।“हम अमेरिकी सड़कों को सुरक्षित और पेशेवर बनाना चाहते हैं। जो ड्राइवर यहां काम करें, उन्हें अमेरिका की भाषा और नियमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।”
ड्राइवरों में नाराजगी
हालांकि, इस आदेश को लेकर ट्रकिंग यूनियनों और प्रवासी संगठनों में नाराजगी बढ़ रही है। उनका कहना है कि अंग्रेजी दक्षता का यह नियम ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भेदभाव को बढ़ावा देगा। यूनियन नेताओं ने इसे राजनीतिक और नस्लीय रूप से प्रेरित कदम बताया है। कई संगठनों ने ट्रंप प्रशासन से अपील की है कि कम से कम मौजूदा ड्राइवरों को भाषा सुधारने के लिए ग्रेस पीरियड दिया जाए, ताकि वे अपनी नौकरी बचा सकें।