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MP Politics: Madhya Pradesh BJP will get new president on July 2, bet on tribal or female face possible..
भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 2 जुलाई को अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। इस महत्वपूर्ण घोषणा का सभी को बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि यह राज्य की राजनीतिक गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है। पार्टी के भीतर और बाहर, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगला अध्यक्ष कौन होगा और उनके नेतृत्व में पार्टी किस दिशा में आगे बढ़ेगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने पहले ही अपनी नब्ज टटोल ली थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने अप्रैल में प्रदेश का दौरा कर मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं से फीडबैक लिया था। चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 1 जुलाई को भोपाल पहुंचेंगे, जहां नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद, 2 जुलाई को भाजपा कार्यसमिति की बैठक में नए अध्यक्ष के नाम का औपचारिक ऐलान किया जाएगा।

आपको बता दें कि, नए अध्यक्ष की दौड़ में कई नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। उईके बैतूल से दूसरी बार के सांसद हैं और आदिवासी गोंड समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी निर्विवाद और जमीनी छवि के कारण उन्हें संघ, संगठन और सत्ता तीनों का समर्थन प्राप्त है। गुजरात मॉडल की तर्ज पर उन्हें दोहरी जिम्मेदारी (केंद्रीय मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष) भी दी जा सकती है।
सूत्रों की मानें तो, केंद्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी आदिवासी कार्ड खेल सकता है। आदिवासी और अन्य आरक्षित वर्गों के नामों पर गहन चर्चा चल रही है। इसके साथ ही, 2028 के महिला आरक्षण और नए परिसीमन को ध्यान में रखते हुए, महिला नेताओं को भी मौका मिल सकता है। सीधी विधायक रीति पाठक, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, लता वानखेड़े और अर्चना चिटनिस जैसे नाम महिला अध्यक्ष के तौर पर चर्चा में हैं। हालांकि, आरक्षित वर्ग के अलावा सामान्य वर्ग से भी दो-तीन नाम नेतृत्व की सूची में शामिल हैं।
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद, यह नियुक्ति आगामी चुनावों के मद्देनजर अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पार्टी जातिवार और क्षेत्रवार संतुलन बिठाते हुए सबको साथ लेकर चलने वाले योग्य नेता की तलाश में है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, यह नया नेतृत्व राज्य की राजनीतिक दिशा को कैसे प्रभावित करता है और क्या भाजपा एक आरक्षित वर्ग या महिला चेहरे पर दांव लगाकर एक नया राजनीतिक समीकरण स्थापित करती है।