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Munger's Bhimbandh votes after 20 years, villagers erupt in joy and enthusiasm
BIHAR ELECTION: मुंगेर जिले के भीमबांध क्षेत्र में करीब 20 साल बाद मतदान हुआ। यह क्षेत्र लंबे समय से नक्सल प्रभावित माना जाता रहा है, इसलिए यहाँ चुनाव कराने में हमेशा चुनौतियाँ आती रही हैं। इस बार चुनावी प्रक्रिया के आयोजन से ग्रामीणों में खुशी और उत्साह देखने को मिला।
एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि, “हम लोग बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। बहुत खुशी है कि आप सब यहां आए। 20 साल बाद यहाँ वोट डालना हमारे लिए गर्व की बात है। पहले 2005 से हालात ठीक नहीं थे, लेकिन अब कोई डर नहीं है। जब से यहां सुरक्षा बलों का कैंप लगा है, हम शांति से रह रहे हैं। सरकार की सुविधाएँ भी अब बहुत अच्छी हैं। हमें कुछ सालों से मुफ्त राशन भी मिल रहा है, इसके लिए हम आभारी हैं। अब कोई परेशानी नहीं है, हम जंगल में शांति से रह रहे हैं। बूथ लगने से बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक-सब लोग मतदान कर पा रहे हैं, यही हमारी सबसे बड़ी खुशी है।”
बूथ लगने से न केवल बुजुर्ग और युवा
भीमबांध में सुरक्षा की स्थिति में सुधार के साथ-साथ प्रशासनिक सुविधाएँ बढ़ी हैं। अब ग्रामीण बिना किसी डर के मतदान कर पा रहे हैं। बूथ लगने से न केवल बुजुर्ग और युवा, बल्कि महिलाएँ भी मतदान प्रक्रिया में भाग ले रही हैं। यह संकेत है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्रों में फिर से सक्रिय हो रही है।
इस घटना का महत्व केवल चुनाव तक सीमित नहीं है। यह ग्रामीणों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला और विकास की दिशा में सकारात्मक संकेत देने वाला कदम है। इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में भी ऐसे क्षेत्रों में मतदान नियमित रूप से होगा और नागरिकों को सुविधाएँ मिलने में आसानी होगी।
हालाँकि, अभी भी चुनौती यह बनी हुई है कि मतदान के बाद सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाएँ लगातार बनी रहें। ग्रामीणों की शिकायतें दूर हों और उन्हें मिलने वाली सुविधाएँ स्थायी रूप से सुनिश्चित हों। दूरदराज और नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदान प्रक्रिया को और सशक्त बनाने के लिए सुरक्षा, जागरूकता और प्रशासनिक प्रयासों की आवश्यकता होगी।