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NCB busts drugs factory in Greater Noida Four arrested including Tihar Jail warden methamphetamine worth Rs 10 crore recovered
नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा में फिर एक ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ी गई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ मिलकर कासना औद्योगिक क्षेत्र में यह कार्रवाई की और तिहाड़ जेल के एक वार्डन व एक मेक्सिकन नागरिक समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
NCB के इस रेड से 10 करोड़ रुपये मूल्य की 95 किलो मेथमफेटामाइन ड्रग्स बरामद की गई है। साथ ही ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले कई प्रकार के केमिकल भी बरामद किए गए हैं। फ़ैक्ट्री का सरगना एक मेक्सिकन नागरिक बताया जा रहा है। चारों आरोपितों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है।
इससे पहले ग्रेटर नोएडा में तीन ड्रग्स फैक्ट्रियां पकड़ी जा चुकी हैं। बता दें कि, मेथमफेटामाइन रासायनिक रूप से एम्फैटेमिन के समान होता है। इसका इस्तेमाल अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर और नार्कोलेप्सी जैसी समस्याओं के इलाज के लिए भी किया जाता है।
एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (ऑपरेशन) ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि मेथमफेटामाइन जैसी सिंथेटिक ड्रग्स बनाए जाने की सूचना मिली थी। तस्करों ने एनसीआर में लैब की आड़ में फैक्ट्री खोल रखी है, जिसमें मेक्सिकन सीजेएनजी ड्रग्स कार्टेल (कार्टेल डी जलिस्को नुएवा जेनरेशन) के सदस्य भी शामिल हैं। इसी सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई।
एनसीबी ने 25 अक्टूबर को कासना औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री में छापेमारी कर ठोस और तरल रूप में लगभग 95 किलो मेथमफेटामाइन ड्रग्स बरामद की। वहां एसीटोन, सोडियम हाइड्राक्साइड, मेथिलीन क्लोराइड, प्रीमियम ग्रेड इथेनाल, टोल्यूनी, रेड फास्फोरस, एथिल एसिटेट आदि रसायन और निर्माण के लिए आयातित मशीनें भी पाई गईं।
आरोपितों से पता चला है कि छापे के समय फैक्ट्री में मिले व्यवसायी ने तिहाड़ जेल के वार्डन के साथ मिलकर अवैध फैक्ट्री खोली थी। उसने विभिन्न स्थानों से मेथमफेटामाइन के निर्माण के लिए आवश्यक रसायनों की खरीद की थी। व्यवसायी को पहले राजस्व खुफिया विभाग की ओर से एनडीपीएस मामले में गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा गया था, जहां वह जेल वार्डन के संपर्क में आया।
इस महीने की शुरुआत में भोपाल के बगरोदा इंडस्ट्रियल एस्टेट में गुजरात एटीएस के साथ एक संयुक्त अभियान में एक फैक्ट्री पकड़ी गई थी, जहां से ठोस और तरल रूप में लगभग 907 किलो मेफेड्रोन व मशीनरी के साथ लगभग 7,000 किलो विभिन्न रसायन जब्त किए गए थे। माना जाता है कि मेथमफेटामाइन और मेफेड्रोन जैसी सिंथेटिक दवाओं के उत्पादन की कम लागत को देखते हुए ड्रग्स माफिया तेजी से औद्योगिक क्षेत्रों में ऐसी गुप्त लैब स्थापित कर रहे हैं।