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Nandgaon range will become free from Maoist violence once RKB division is wiped out
Chhattisgarh News: राजनांदगांव पुलिस रेंज माओवादी हिंसा से पूरी तरह मुक्त होने के बिल्कुल करीब पहुंच चुका है। वर्तमान में केवल मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला ही ऐसा इलाका बचा है, जहां राजनांदगांव–कांकेर बॉर्डर (आरकेबी) डिवीजन में माओवादियों की मौजूदगी दर्ज की जा रही है। महाराष्ट्र–मध्य प्रदेश–छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन में माओवादियों के सफाए के बाद राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और कवर्धा जिले पहले ही माओवादी हिंसा से मुक्त घोषित किए जा चुके हैं।
अधीक्षक वायपी सिंह के अनुसार
पुलिस अधीक्षक वायपी सिंह के अनुसार, पिछले दो वर्षों से माओवादियों से लगातार हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने की अपील की जा रही है। इस दौरान कई माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर सामान्य जीवन अपनाया है। जो माओवादी सरेंडर के लिए तैयार नहीं थे, उनके खिलाफ सुरक्षाबलों ने सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि शेष माओवादियों के लिए भी यही सबसे बेहतर विकल्प है कि वे जंगल छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों।
राज्य को माओवादी हिंसा मुक्त घोषित करने का लक्ष्य
छत्तीसगढ़ सरकार ने 31 मार्च 2026 तक राज्य को माओवादी हिंसा मुक्त घोषित करने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां हर संभव रणनीति पर काम कर रही हैं। राजनांदगांव और केसीजी जिलों में अभियान सफल होने के बाद अब सुरक्षाबलों का पूरा ध्यान मोहला-मानपुर क्षेत्र पर केंद्रित हो गया है।
मोहला-मानपुर इलाके में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता
13 अगस्त को मोहला-मानपुर इलाके में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली थी। बंडा पहाड़ क्षेत्र में हुई मुठभेड़ के दौरान माओवादियों की स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य विजय रेड्डी और डिविजनल कमेटी सचिव लोकेश सलामे को मार गिराया गया। इन दोनों शीर्ष कैडरों के मारे जाने के बाद आरकेबी डिवीजन का नेतृत्व पूरी तरह समाप्त हो गया है।
इसके बावजूद कुछ माओवादी अभी भी जंगलों में छिपे हुए हैं और खुद को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार माओवादी कमांडर मंगती जुरी और विजय रेड्डी की पत्नी रुबी अब भी सक्रिय हैं। मंगती जुरी का पति श्रीकांत पहले ही आत्मसमर्पण कर चुका है। इनके साथ हेडमे, मंगेश और गणेश के भी जंगल में छिपे होने की सूचना है।
सुरक्षा एजेंसियों का दावा
सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि जल्द ही इन शेष माओवादियों पर भी निर्णायक कार्रवाई की जाएगी और इसके साथ ही राजनांदगांव रेंज को पूरी तरह माओवादी हिंसा मुक्त घोषित कर दिया जाएगा।