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Nature's fury in Himachal: 70 people died due to cloudburst, flood and landslide, loss of Rs 700 crore
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार भीषण तबाही मचाई है। लगातार भारी बारिश, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं में अब तक 70 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 37 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। इसके अलावा 110 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राज्य सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा को गंभीर मानते हुए राहत और बचाव कार्यों को शुरू किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि इस आपदा से राज्य को अब तक 700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि बाढ़ से बेघर हुए लोगों को सरकार 5 हजार रुपये प्रतिमाह किराए के रूप में देगी, ताकि वे अस्थायी रूप से कहीं ठहर सकें।
सबसे ज्यादा तबाही मंडी जिले में देखने को मिली है, जहां थुनाग और बगसयेड क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ये क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। मंडी के करसोग और धरमपुर इलाकों से भी व्यापक नुकसान की खबर है। जिले में अब तक 40 लोग लापता बताए गए हैं।
बिलासपुर, हमीरपुर, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों में भी भारी जनहानि और नुकसान हुआ है। प्रदेशभर में सैकड़ों मकान पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं, जबकि 14 पुल बह गए हैं। साथ ही 300 से अधिक मवेशियों की मौत हो गई है।
राज्य में 500 से ज्यादा सड़कों पर यातायात पूरी तरह ठप है। बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है और कई इलाकों में ट्रांसफॉर्मर काम नहीं कर रहे, जिससे हजारों लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। इसके अलावा राज्य के कई हिस्सों में पेयजल और भोजन की भी गंभीर किल्लत देखी जा रही है।
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें राहत पहुंचाने में जुटी हैं, लेकिन खराब मौसम और सड़कों के टूटने से राहत कार्यों में बाधाएं आ रही हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने केंद्र सरकार से भी सहयोग की अपील की है और प्रभावितों के लिए त्वरित राहत की मांग की है।