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Opposition's uproar against 'vote theft': Struggle from Parliament to the streets, police detained many MPs including Rahul-Priyanka and Akhilesh
नई दिल्ली। विपक्षी दलों के 'इंडिया' गठबंधन ने 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर सोमवार को संसद से लेकर सड़क तक जोरदार प्रदर्शन किया। बिहार में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया और कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया। इस दौरान विपक्ष ने लोकतंत्र पर हमला और 'एक व्यक्ति, एक वोट' के अधिकार की रक्षा की बात कही।
विपक्ष के करीब 300 सांसद संसद के मकर द्वार से 'वोट बचाओ' के बैनर लेकर मार्च के लिए निकले। इनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और अन्य कई दिग्गज नेता शामिल थे। हालांकि, संसद मार्ग पर दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड लगाकर मार्च को आगे बढ़ने से रोक दिया। पुलिस ने मार्च के लिए अनुमति न होने का हवाला दिया। इसके बाद सांसद सड़क पर ही बैठ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने इन नेताओं को हिरासत में लेकर संसद मार्ग थाने ले गई और कुछ देर बाद रिहा कर दिया।
इस पूरे घटनाक्रम पर विपक्षी नेताओं ने सरकार और चुनाव आयोग पर तीखे हमले किए।
* जयराम रमेश: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि, संसद के ठीक बाहर लोकतंत्र पर हमला और उसकी हत्या की जा रही है। उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे 'चुराव आयोग' नहीं बनना चाहिए।
* राहुल गांधी: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान और 'एक व्यक्ति, एक वोट' के अधिकार को बचाने की है। उन्होंने एक साफ-सुथरी मतदाता सूची की मांग की।
* मल्लिकार्जुन खरगे: खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "भाजपा की कायराना तानाशाही नहीं चलेगी। ये जनता के वोट के अधिकार को बचाने की लड़ाई है।"
* अखिलेश यादव: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तो पुलिस के बैरिकेड कूदकर आगे चले गए। उन्होंने कहा, "हम वोट बचाने के लिए बैरिकेड फांद रहे हैं। चुनाव आयोग को वोट काटने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।"
* शशि थरूर: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी ने कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए, ताकि चुनावों की विश्वसनीयता पर कोई संदेह न रहे।
विरोध प्रदर्शन के दौरान कई नाटकीय घटनाएँ भी हुईं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बैरिकेड कूदकर दूसरी तरफ चले गए। वहीं, प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा और मिताली बाग बेहोश हो गईं। महुआ मोइत्रा को पुलिस बस में राहुल गांधी ने पानी पिलाया, जबकि मिताली बाग को सड़क पर ही प्राथमिक मदद दी गई। इन घटनाओं ने प्रदर्शन की गंभीरता को और बढ़ा दिया।
इससे पहले कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मिलने का समय मांगा था। विरोध प्रदर्शन के दौरान ही, चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को पत्र लिखकर दोपहर 12 बजे मिलने का समय दिया। आयोग ने जगह की कमी के कारण अधिकतम 30 व्यक्तियों के नाम मांगे हैं। अब देखना होगा कि कौन-कौन से विपक्षी नेता इस मुलाकात में शामिल होते हैं और चुनाव आयोग के सामने अपने आरोपों और मांगों को किस तरह रखते हैं।
मार्च से पहले, संसद के मॉनसून सत्र के 16वें दिन लोकसभा में भी विपक्षी सांसदों ने 'वी वॉन्ट जस्टिस' के नारे लगाते हुए हंगामा किया। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। इस हंगामे के बाद ही विपक्षी सांसदों ने मार्च निकालने का फैसला किया।