Petition filed in chhattisgarh highcourt to change surname on the advice of astrologer
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक बड़ा ही रोचक मामला सामने आया। यहाँ एक शख्स ने अदालत में ज्योतिषी की सलाह पर अपना सरनेम बदलने याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। सीबीएसई की 10वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षा पास करने वाले युवक ने 10 साल बाद मार्कशीट में सरनेम बदलने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। वह अपना सरनेम सिदार से नायक कराना चाहता था। कोर्ट ने कहा कि ज्योतिषी की सलाह कानूनी आधार नहीं हो सकता।
भिलाई निवासी अमित सिंह सिदार ने सेक्टर-6 स्थित एमजीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 24 मई 2005 को 10वीं और 23 मई 2007 को 12वीं की परीक्षा पास की थी। अंकसूची में उसका नाम अमित सिंह सिदार और पिता का नाम बसंत सिंह सिदार दर्ज है। 10 साल बाद 2016 में अमित और उसके पिता ने सरनेम बदलने के लिए ओडिशा के झारसुगुड़ा कोर्ट में हलफनामा दिया। इसके बाद ओडिशा, कटक के राजपत्र में 18 मार्च 2016 और 26 अप्रैल 2016 को नए नाम प्रकाशित कराए।
4 नवंबर 2017 को अमित ने स्कूल के प्राचार्य को आवेदन देकर 10 वीं और 12 वीं की मार्कशीट में सरनेम बदलने की मांग की। प्राचार्य ने उसका आवेदन सीबीएसई बोर्ड को भेज दिया। 9 जनवरी 2018 से उसका आवेदन लंबित था। सीबीएसई बोर्ड ने उसके आवेदन पर सरनेम बदलने से इनकार कर दिया। जिस पर अमित ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई।
हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए याचिकाकर्ता को सीबीएसई बोर्ड में अभ्यावेदन देने की छूट दी. इसके बाद अमित ने सीबीएसई के सामने अभ्यावेदन दिया। 17 अक्टूबर 2018 को इसे खारिज कर दिया गया। इसके खिलाफ उसने फिर से याचिका लगाई. सुनवाई के दौरान याचिका में कहा गया कि, एक ज्योतिषी की सलाह पर उसने सरनेम बदलने का फैसला लिया।
जिस पर कोर्ट ने कहा कि, याचिकाकर्ता ने 2005 और 2007 में परीक्षा पास की। 2017 में नाम बदलने का आवेदन दिया। याचिका में नाम बदलने का कोई वैध कारण नहीं बताया गया. सिर्फ ज्योतिषी की सलाह को आधार बनाया गया। यह कानूनी आधार नहीं है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
अन्य समाचार
Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media