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Recruitment of doctors, nurses and paramedical staff in Chhattisgarh soon, 1009 posts approved
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने कुल 1009 नए पदों की भर्ती को मंजूरी दे दी है। जल्द ही इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इन भर्तियों से प्रदेश के नए मेडिकल कॉलेजों, फिजियोथैरेपी कॉलेजों और नर्सिंग कॉलेजों को सीधा लाभ मिलेगा।
नवीन नर्सिंग महाविद्यालय (कुल 9 कॉलेज)- 378 पद
6 नवीन फिजियोथैरेपी कॉलेज- 216 पद
नवीन मेडिकल कॉलेज (दंतेवाड़ा, मनेंद्रगढ़, कुनकुरी-जशपुर, जांजगीर-चांपा, कबीरधाम)- 300 पद
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, बिलासपुर- 55 पद
मेडिकल कॉलेज रायगढ़- 39 पद
मेडिकल कॉलेज बिलासपुर- 20 पद
मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर (रेडियोथेरपी विभाग)- 7 पद
डीकेएस रायपुर- 1 पद
कुल पद- 1009
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 1009 पदों में से अधिकांश पद नए मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों के लिए रखे गए हैं।
इनमें से करीब 88.6% यानी 894 पद केवल नए मेडिकल कॉलेजों के लिए स्वीकृत किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल 14 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 11 सरकारी, 3 निजी और 1 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS रायपुर)।
हाल ही में राज्य सरकार ने चार नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की भी मंजूरी दी है, जो जांजगीर-चांपा, कबीरधाम, मनेंद्रगढ़ और गीदम (दंतेवाड़ा) जिलों में स्थापित किए जाएंगे।
इन चार नए मेडिकल कॉलेजों के अलावा दो अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है। जिसमें मनेंद्रगढ़ में 220 बिस्तरों वाला अस्पताल, और बिलासपुर में आयुर्वेद कॉलेज एवं अस्पताल भवन शामिल हैं।
इन छह परियोजनाओं पर कुल 1390 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। यह निर्णय हाल ही में नया रायपुर में आयोजित सीजीएमएससी (CGMSC) की 51वीं बैठक में लिया गया।
सरकार का मानना है कि इन नियुक्तियों और नए संस्थानों से राज्य में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच दोनों में सुधार होगा। नई भर्तियों से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में विशेषज्ञ डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और फिजियोथैरेपी विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ेगी।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, इन नई नियुक्तियों से न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
नए मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों का फोकस मुख्य रूप से दंतेवाड़ा, जशपुर, बीजापुर, बलरामपुर, बैकुंठपुर, और नवा रायपुर जैसे दूरस्थ जिलों पर रहेगा, जहां अब तक स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित रही हैं।