Copyright © 2024 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार
Rice millers refuse custom milling failure in supply of gunny bags controversy over paddy purchase increases
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्यभर के 3000 से अधिक राइस मिलरों ने कस्टम मिलिंग कार्य से इंकार कर दिया है, जिसके कारण धान की खरीद प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है। मिलरों का आरोप है कि अब तक उनके बकाया भुगतान का निपटारा नहीं किया है, जिसके कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है। उनका कहना है कि कई मिलर्स ने भुगतान न होने के कारण आत्महत्या तक करने की नौबत आ चुकी है, जबकि एक अन्य मिलर को ब्रेन हेमरेज के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राइस मिलर्स के इस आंदोलन की शुरुआत बारदाना की आपूर्ति न होने से हुई थी, और अब बकाया भुगतान का मुद्दा गंभीर हो गया है। राज्यभर के 3048 राइस मिलर्स ने कस्टम मिलिंग कार्य में सहयोग न देने का फैसला लिया है, और यह आंदोलन अब 33 जिलों में फैल चुका है। मिलर्स ने अपनी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री से कई बार मुलाकात की, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। परिणामस्वरूप, अब मिलर्स ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया तो राइस मिलों में तालाबंदी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इस साल छत्तीसगढ़ में कुल 27.68 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, जिसमें 1.42 लाख नए किसान भी शामिल हैं। धान खरीदी के लिए 2,739 केंद्र बनाए गए हैं और प्रति एकड़ 21 क्विंटल की दर से धान खरीदी जा रही है। हालांकि, राइस मिलर्स का कहना है कि उन्हें चार हजार करोड़ से अधिक का बकाया भुगतान नहीं मिला है, प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने इस मुद्दे को लेकर कहा कि कई मिलर्स तो अब कर्ज लेकर मिल चला रहे हैं। यदि बकाया राशि का भुगतान शीघ्र नहीं किया गया तो मिलिंग का काम रोक दिया जाएगा।