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Shops and Establishments, Public Trust and Private Universities Amendment Bill passed in Chhattisgarh Assembly
रायपुर। राज्य विधानसभा के आज 3 संशोधन विधेयक पारित किए गए। इनमें छत्तीसगढ़ दुकानें और प्रतिष्ठान संशोधन विधेयक, छत्तीसगढ़ जन विश्वास संशोधन विधेयक और छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक शामिल हैं। इन तीनों विधेयकों पर हुई चर्चा में कांग्रेस विधायकों ने भाग नहीं लिया।
1. छत्तीसगढ़ में दुकान एवं स्थापना कानून में बदलाव, महिलाओं को रात में काम की अनुमति
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने दुकान एवं स्थापना कानून में बदलाव करने के लिए वर्ष 2025 का संशोधन विधेयक पेश किया है। इस विधेयक का उद्देश्य व्यापार को आसान बनाना और कामकाजी माहौल में लचीलापन लाना है।
संशोधन के अनुसार अब यह कानून 10 कर्मचारियों की जगह 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली दुकानों और संस्थानों पर लागू होगा। इससे छोटे दुकानदारों को नियमों के पालन में राहत मिलेगी।
नए प्रावधानों में महिलाओं को रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक काम करने की अनुमति दी गई है। हालांकि इसके लिए राज्य सरकार द्वारा तय की गई सुरक्षा शर्तों का पालन जरूरी होगा।
इसके अलावा अब दैनिक काम का समय 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे कर दिया गया है। वहीं, काम फैलाव (स्प्रेड ओवर) की सीमा 10.5 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी गई है। तिमाही ओवरटाइम की सीमा भी 125 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है।
सरकार का कहना है कि इन बदलावों से व्यापार, सेवा और उद्योग क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
2. छत्तीसगढ़ में ‘जन विश्वास संशोधन विधेयक’ पेश, छोटे अपराधों में जेल की जगह जुर्माने पर जोर
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में लोगों और व्यापारियों को राहत देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) (द्वितीय) विधेयक, 2025 पेश किया है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य छोटे-मोटे कानून उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना और न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाना है।
इस विधेयक के तहत कई पुराने कानूनों में बदलाव किया गया है। पहले जिन मामलों में जेल की सजा का प्रावधान था, अब वहां अधिकतर मामलों में जुर्माने या प्रशासनिक दंड का प्रावधान किया गया है। इससे आम नागरिकों, व्यापारियों और छोटे संस्थानों को अनावश्यक कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
सरकार का कहना है कि यह कदम ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देगा। छोटे उल्लंघनों के लिए आपराधिक केस दर्ज होने से लोगों को लंबे समय तक परेशान होना पड़ता था, जिसे अब खत्म करने की कोशिश की गई है।
विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि जुर्माने की राशि हर तीन साल में 10 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकेगी, ताकि नियमों का पालन प्रभावी ढंग से हो सके।
इसके साथ ही आज विधानसभा में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को पारित किया गया है।