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Supreme Court issues strict directions on highway accidents and unauthorised eateries
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में हाईवे पर भयावह दुर्घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी करने का संकेत दिया है। न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और जय कुमार बिश्नोई की पीठ ने केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी कि मौजूदा नियम-कानून क्या कहते हैं, और हादसों की रोकथाम के लिए किसे जिम्मेदारी दी जा सकती है।
राजस्थान और तेलंगाना में हुई भीषण दुर्घटनाओं का स्वतः संज्ञान
कोर्ट ने राजस्थान के फालौदी और तेलंगाना-बीजापुर हाईवे पर हाल ही में हुई दुर्घटनाओं का स्वतः संज्ञान लिया। फालौदी में 2 नवंबर को टेंपो ट्रैवलर के खड़े ट्रक से टकराने से 15 लोगों की मौत हुई थी, वहीं बीजापुर में 3 नवंबर को हुए हादसे में 20 लोगों की जान गई। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और राजमार्ग व परिवहन मंत्रालय को दोनों हाईवे का सर्वे कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
अनधिकृत ढाबों और सुरक्षा उपायों पर ध्यान
कोर्ट ने हाईवे किनारे अनधिकृत ढाबों और भोजनालयों के कारण होने वाले हादसों को गंभीरता से लिया। प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि कार्रवाई की जिम्मेदारी स्थानीय अधिकारियों की है और भविष्य में व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे ताकि हादसों को रोका जा सके।
इंडिगो याचिका और अन्य मामलों पर निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने इंडिगो की उड़ानों रद्द होने से संबंधित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया और दिल्ली हाई कोर्ट का रुख करने की सलाह दी। इसके अलावा, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में प्रभावशाली लोगों को विशेष पूजा की अनुमति पर अदालत ने नाराजगी जताई।