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The biggest operation ever against Naxalites, Hidma was surrounded by 10 thousand soldiers.
बीजापुर: छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमाओं पर बसे बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा-नड़पल्ली के घने जंगलों में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा और संगठित ऑपरेशन शुरू किया है। यह ऑपरेशन बीते 60 घंटे से लगातार जारी है और अब तक इसमें 6 नक्सली मारे जा चुके हैं, जबकि 3 के शव बरामद किए जा चुके हैं। करीब 5000 जवानों की संयुक्त फोर्स ने 7 किलोमीटर के पहाड़ी इलाके को चारों तरफ से घेर रखा है, जिसमें लगभग 300 नक्सलियों की घेराबंदी की गई है।
हिड़मा और देवा जैसे टॉप नक्सली निशाने पर
सूत्रों के अनुसार, खुफिया इनपुट्स के आधार पर ऑपरेशन को लॉन्च किया गया है। यह जानकारी मिली थी कि क्षेत्र में टॉप नक्सली कमांडर हिड़मा, देवा, दामोदर सहित कई बड़े नक्सली नेताओं की मौजूदगी है। कर्रेगुट्टा-नड़पल्ली का जंगल इन नेताओं के गांवों से केवल 30 किमी की दूरी पर है। ऑपरेशन का उद्देश्य सिर्फ स्थानीय दस्तों को खत्म करना नहीं, बल्कि इन कुख्यात नक्सल कमांडरों को भी पकड़ना या मार गिराना है।
संयुक्त फोर्स की जबरदस्त रणनीति और ताकत
इस मेगा ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस की DRG और STF, तेलंगाना की ग्रे-हाउंड्स, महाराष्ट्र की C-60 कमांडो, CRPF और उसकी स्पेशल यूनिट कोबरा बटालियन की टीमें शामिल हैं। ऑपरेशन को गृह मंत्री विजय शर्मा खुद मॉनिटर कर रहे हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लगातार अपडेट दिए जा रहे हैं। बताया गया है कि चार दिन पहले जंगल में नक्सलियों की बड़ी मौजूदगी का इनपुट मिला था, जिसके बाद तीनों राज्यों के अधिकारियों ने मिलकर रणनीति बनाई।
नक्सलियों के 12 ठिकाने ध्वस्त, बंकर भी बरामद
सुरक्षा बलों को जंगलों में कंक्रीट से बने 12 नक्सली ठिकानों का पता चला, जिनमें से एक तो पूरी तरह बंकर जैसा था और 160 वर्ग फीट में फैला हुआ था। इन ठिकानों से छह सोलर प्लेट्स, नक्सली वर्दियाँ, छत पंखे और भारी मात्रा में अन्य सामान बरामद किया गया। ये ठिकाने अत्यंत सुनियोजित ढंग से बनाये गए थे ताकि लंबे समय तक घने जंगलों में टिके रहा जा सके।
जवानों की बहादुरी, दो घायल, रायपुर रेफर
मुठभेड़ के दौरान दो जवान भी घायल हो गए, जिन्हें एयरलिफ्ट कर रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
नक्सलियों पर शिकंजा कसता जा रहा है
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 के शुरुआती 114 दिनों में 161 नक्सली मारे गए हैं और करीब 600 ने आत्मसमर्पण किया है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में लगभग 528% ज्यादा है। 2023 में 56 और 2024 में अब तक 296 नक्सली मारे जा चुके हैं।
2018 में जहां देश में 11 राज्यों के 126 जिले नक्सली प्रभाव क्षेत्र में आते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 38 हो गई है। इनमें भी सबसे ज्यादा प्रभावित 6 जिले हैं, जिनमें 4 छत्तीसगढ़, 1 महाराष्ट्र और 1 झारखंड में स्थित हैं।