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The nature of seasonal illnesses has changed in the capital, with a mutated virus increasing the problem of dry cough.
रायपुर। राजधानी में इन दिनों मौसमी बीमारियों का स्वरूप तेजी से बदलता नजर आ रहा है। डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मृति अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 300 से अधिक मरीज सर्दी, खांसी और तेज बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। इस बार स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक चिंताजनक बदलाव देखा है, जहां वायरस के म्यूटेशन के कारण पारंपरिक दवाएं अपेक्षित असर नहीं दिखा पा रही हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान में सक्रिय वायरल स्ट्रेन में आनुवंशिक बदलाव (म्यूटेशन) हुआ है। इस म्यूटेड वायरस से संक्रमित मरीजों का बुखार और सामान्य सर्दी तो दो से तीन दिनों में प्राथमिक उपचार से ठीक हो जा रही है, लेकिन गले की तीव्र खरास और सूखी खांसी कई हफ्तों तक बनी रह रही है। अस्पताल के मेडिसिन विभाग का कहना है कि पहले सामान्य कफ सिरप या एंटीबायोटिक्स से नियंत्रित हो जाने वाली खांसी अब इन दवाओं से ठीक नहीं हो रही है। इसका मुख्य कारण श्वसन नली में अत्यधिक संवेदनशीलता और सूजन को माना जा रहा है।
इनहेलर की बढ़ी मांग, मरीजों पर बढ़ा आर्थिक बोझ
सरकारी अस्पतालों में दवा की सीमित उपलब्धता का सीधा फायदा निजी दवा विक्रेताओं को मिल रहा है। बाजार में इनहेलर की कीमत 150 रुपये से लेकर 600 रुपये तक पहुंच गई है। गंभीर संक्रमण और डॉक्टर की विशेष पर्ची पर मिलने वाले ये इनहेलर गरीब और मध्यम वर्गीय मरीजों की जेब पर भारी पड़ रहे हैं। जहां सरकारी अस्पताल में यह सुविधा निःशुल्क होती है, वहीं बाहर से महंगे दामों पर दवा खरीदना मरीजों की मजबूरी बन गया है।
कफ सिरप की जगह इनहेलर की सलाह
मरीजों की लगातार बढ़ती परेशानी को देखते हुए आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर अब सामान्य वायरल खांसी में भी इनहेलर लेने की सलाह दे रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इनहेलर के माध्यम से दवा सीधे श्वसन तंत्र और फेफड़ों तक पहुंचती है, जिससे सूजन तेजी से कम होती है। चूंकि नया वायरस श्वसन तंत्र के ऊपरी और मध्य हिस्से को अधिक प्रभावित कर रहा है, इसलिए टैबलेट या सिरप की तुलना में इनहेलर अधिक प्रभावी साबित हो रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि इनहेलर से न केवल मरीजों को जल्दी राहत मिल रही है, बल्कि दवा की कम मात्रा उपयोग होने से इसके दुष्प्रभाव भी अपेक्षाकृत कम देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से स्वयं दवा लेने से बचने और लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लेने की अपील की है।