Waqf Amendment Bill passed by Lok Sabha, 288 votes in favor and 232 votes against.
नई दिल्ली: लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर 12 घंटे से ज्यादा चली बहस के बाद यह विधेयक 464 कुल वोटों में से 288 वोटों के पक्ष में और 232 के विरोध में पारित हो गया। यह बिल अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा और उसके बाद राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में कई सांसदों ने अपनी-अपनी राय रखी। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री, किरेन रिजिजू ने इस विधेयक को लेकर सरकार का पक्ष स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से लाया गया है और इसका मकसद केवल वक्फ संपत्तियों की बेहतर देखरेख और पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है।
विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में किरेन रिजिजू ने कहा, "अल्पसंख्यकों के लिए भारत से सुरक्षित कोई जगह नहीं है। हम सभी यहां बिना किसी भय के और गर्व के साथ रहते हैं। भारत में अल्पसंख्यकों को पूरी सुरक्षा प्राप्त है, और यह किसी भी अन्य देश से कहीं अधिक है।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पारसी जैसे अल्पसंख्यक समुदाय भी पूरी तरह से सुरक्षित हैं और यह देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जो सभी नागरिकों के लिए समान अवसर और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
विपक्ष का विरोध और गृह मंत्री अमित शाह का जवाब
इस बिल के विरोध में विपक्ष ने कई आरोप लगाए, जिसमें यह भी कहा गया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है और उनके अधिकारों को नुकसान पहुंचा सकता है। इन आरोपों का जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिया। शाह ने कहा, "अब यह चोरी नहीं चलेगी। हम कोई तुष्टीकरण की राजनीति नहीं कर रहे हैं।" उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि 2013 में जो वक्फ कानून बनाए गए थे, वे मुस्लिम समुदाय को ध्यान में रखते हुए बनाए गए थे, लेकिन उन कानूनों में कड़े प्रावधानों का अभाव था, जिसके कारण आज हमें संशोधन लाने की जरूरत पड़ी है।
शाह ने आगे कहा, “विपक्ष और विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी मुस्लिम समुदाय को यह भ्रमित कर रही है कि यह विधेयक उनके खिलाफ है। यह पूरी तरह से गलत है। कांग्रेस ने हमेशा मुस्लिम समुदाय को दुष्प्रचार करके वोट बैंक की राजनीति की है।”
वक्फ संशोधन बिल का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बनाना है। यह विधेयक वक्फ बोर्डों को यह सुनिश्चित करने के लिए अधिक शक्तियां देता है कि वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग हो और उनकी देखभाल की जाए। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि कोई भी वक्फ संपत्ति बेवजह की अनियमितताओं का शिकार न हो और उसके सही उपयोग से संबंधित प्रक्रियाओं को सरल और स्पष्ट बनाया जाए।
इसके अलावा, विधेयक के तहत अब वक्फ बोर्डों के फैसलों को चुनौती देने की प्रक्रिया को भी सरल और सुलभ बनाया जाएगा। इस संशोधन के द्वारा वक्फ संपत्तियों की संपत्ति और उनके इस्तेमाल के बारे में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है।
एनडीए का दावा: अल्पसंख्यकों के लिए लाभकारी
सत्तारूढ़ एनडीए ने इस बिल को अल्पसंख्यकों के लिए लाभकारी बताया है। सरकार का कहना है कि इस विधेयक के माध्यम से अल्पसंख्यकों के हितों की बेहतर सुरक्षा की जाएगी। सरकार का दावा है कि इस विधेयक से वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से इस्तेमाल होगा, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
विपक्षी दलों ने हालांकि इस विधेयक पर कई सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि इसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को नुकसान पहुंचाना है, लेकिन सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित है और इसका मुस्लिम समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है।
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