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संशोधन विधेयक पेश करते हुए किरेन रिजिजू बोले- 'बिल नहीं लाते तो संसद भवन भी वक्फ बोर्ड का हो जाता…'

By: सी एच लता राव
New Delhi
4/2/2025, 1:49:57 PM
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While presenting the amendment bill, Kiren Rijiju said- 'If the bill was not brought, the Parliament House would also have become the property of the Waqf Board…'

नई दिल्ली। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया है। विपक्ष के हंगामे के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में विधेयक पेश किया। विधेयक पर चर्चा के दौरान रिजिजू ने कहा कि अगर वे संशोधन नहीं लाते हैं तो संसद पर भी वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 123 संपत्तियां वक्फ को हस्तांतरित की थीं।

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'दिल्ली वक्फ बोर्ड ने संसद भवन को वक्फ संपत्ति कर दिया था घोषित'

किरेन रिजिजू ने कहा कि, 2013 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने संसद भवन को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था। इसके बाद यूपीए सरकार ने इसे गैर-अधिसूचित कर दिया। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं होती और हमने संशोधन नहीं किए होते, तो जिस जगह पर हम रहते हैं, उसे वक्फ संपत्ति माना जाता। अगर यूपीए सरकार अभी भी सत्ता में होती, तो यह अनिश्चित है कि कितनी संपत्तियां गैर-अधिसूचित की गई होतीं। मैं बिना सोचे-समझे नहीं कह रहा हूं; ये सब रिकॉर्ड में दर्ज मामले हैं।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि, वक्फ अधिनियम पहली बार आजादी के बाद 1954 में बनाया गया था। उस समय राज्य वक्फ बोर्ड के लिए भी प्रावधान किए गए थे। कई संशोधनों के बाद वक्फ अधिनियम को 1995 में संशोधित किया गया। उस दौरान किसी ने यह भी नहीं कहा कि,यह असंवैधानिक है। अब जब हम उसी विधेयक में सुधार ला रहे हैं, तो असंवैधानिक बताया जा रहे हैं। आप मुद्दे से इतर मुद्दों पर चर्चा करके ध्यान भटका रहे हैं। अगर कोई वक्फ के फैसले से असहमत है, तो उसके पास ट्रिब्यूनल में जाने का विकल्प है। 5 लाख से अधिक संपत्तियों की निगरानी के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

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विरोध करने वालों का होगा हृदय परिवर्तन

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किरण रिजिजू ने कहा है कि बिल खुले मन से पेश किया गया है। वक्फ बिल में संशोधन के प्रयास पहले भी किए जा चुके हैं। किसी भी बिंदु पर बिल को असंवैधानिक नहीं माना गया है। इस बिल को लेकर 25 राज्यों ने सुझाव दिए हैं। अब वक्फ द्वारा लिए गए किसी भी फैसले को चुनौती दी जा सकती है। मुझे उम्मीद है कि विरोध करने वालों का हृदय परिवर्तन होगा।

'बिल में धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करने का प्रावधान नहीं'

किरण रिजिजू ने कहा कि, वक्फ संशोधन विधेयक में धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी मस्जिद के प्रबंधन में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। जवाब में विपक्ष के एक सदस्य ने टिप्पणी की। स्पीकर ओम बिरला ने हस्तक्षेप करते हुए सलाह दी कि भारतीय संसद में मौजूद लोगों को मर्यादा बनाए रखनी चाहिए और किसी भी व्यक्ति को बैठे-बैठे टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। किरण रिजिजू ने स्पष्ट किया कि यह मामला मस्जिद या धार्मिक गतिविधियों से संबंधित नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से संपत्ति प्रबंधन से संबंधित है। उन्होंने टिप्पणी की कि अगर कोई मुसलमान ज़कात देता है, तो हमें उससे सवाल करने का अधिकार नहीं है। हमारा ध्यान केवल प्रबंधन पहलुओं पर है, जिसका धार्मिक प्रशासन से कोई संबंध नहीं है।

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जमीं का दर्द आसमां न समझे- किरण रिजिजू

किरण रिजिजू ने कहा कि कई कानूनी विशेषज्ञों, सामुदायिक नेताओं, धार्मिक हस्तियों और अन्य लोगों ने समिति के समक्ष अपने सुझाव प्रस्तुत किए हैं। बिल की हमारी पिछली प्रस्तुति के दौरान भी कई मुद्दे उठाए गए थे। मुझे न केवल उम्मीद है बल्कि पूरा विश्वास है कि इसका विरोध करने वालों का मन बदल जाएगा और वे बिल का समर्थन करेंगे। मैं अपने विचार स्पष्ट रूप से व्यक्त करना चाहता हूं: किसी को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि जमीन का दर्द कभी आसमान नहीं समझ सकता। कुछ लोगों ने दावा किया है कि ये प्रावधान असंवैधानिक हैं, जबकि अन्य ने उन्हें अवैध करार दिया है। यह कोई नया मुद्दा नहीं है; यह बिल पहली बार आजादी से पहले पारित किया गया था। उससे पहले, वक्फ को अवैध घोषित किया गया था। मुस्लिम वक्फ अधिनियम 1923 में पेश किया गया था, जिसने कानून के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही की नींव रखी।

किरण रिजिजू ने आगे कहा कि, 2013 में चुनाव होने में कुछ ही दिन बचे थे। 5 मार्च 2014 को 123 प्रमुख संपत्तियां दिल्ली वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित कर दी गईं। चुनाव में कुछ ही दिन बचे थे, इसलिए इंतजार किया जा सकता था। उम्मीद थी कि वोट मिलेंगे, लेकिन चुनाव हार गए। उन्होंने कहा कि कोई भी भारतीय वक्फ बना सकता है। हमने दोहराया है कि कम से कम पांच साल तक इस्लाम का पालन करने वाले ही वक्फ का दावा कर सकते हैं। हमारा उद्देश्य वक्फ बोर्ड को धर्मनिरपेक्ष बनाना है। बोर्ड में अब शिया, सुन्नी, बोहरा, मुस्लिम पिछड़ा वर्ग, विशेषज्ञ गैर-मुस्लिम और महिलाएं शामिल होंगी। वक्फ बोर्ड में चार गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं, और कम से कम दो महिलाओं का होना जरूरी है।

 

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