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Kharge-Nadda's 'Letter War': From 110 abuses in 10 years to 'failed product', BJP President's sharp attack
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच 'पत्र युद्ध' शुरू हो गया है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को देश का सबसे बड़ा आतंकवादी बताया था। केंद्रीय मंत्री के इस बयान के जवाब में मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। कांग्रेस नेता ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। खड़गे के पत्र के जवाब में जेपी नड्डा ने भी पत्र लिखा था।
इस पत्र में जेपी नड्डा ने राहुल गांधी की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा,"आदरणीय खरगे जी, आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने 'फेल्ड प्रोडक्ट' को एक बार फिर पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के प्रधानमंत्री को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर है।" भाजपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि, ये राहुल गांधी की माताजी सोनिया गांधी ही थी न खड़गे जी जिन्होंने मोदी जी के लिए 'मौत का सौदागर' जैसे अत्यंत असभ्य अपशब्दों का प्रयोग किया था?"
उन्होंने कहा कि, "कांग्रेस के नेताओं और उनके सहयोगियों ने पिछले एक दशक में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर 110 से अधिक अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। दुर्भाग्य से, इसमें कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल है। एक तरफ आप राजनीतिक शुचिता की वकालत करते हैं, वहीं दूसरी तरफ आपके नेताओं का राजनीतिक मर्यादा की अवहेलना करने का इतिहास रहा है। इस दोहरे मापदंड का क्या कारण है?"
कुछ दिन पहले बिहार के भागलपुर में वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के दौरान एक केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि राहुल गांधी सच्चे भारतीय नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने अपना ज़्यादातर समय देश से बाहर बिताया है। उन्होंने कहा कि उनके सभी दोस्त और रिश्तेदार विदेशी हैं। विपक्ष के एक प्रमुख नेता होने के बावजूद, वे गरीबों के संघर्ष को समझने में विफल रहते हैं। वे रिक्शा चालकों, रेहड़ी-पटरी वालों या मोची की कठिनाइयों को नहीं समझते हैं और केवल फोटो खिंचवाने के लिए उनके पास जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि, अगर एजेंसी को सबसे पहले किसी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए तो वह राहुल गांधी हैं। उनका नाम आतंकवादियों की सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए।