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After SC verdict in D El Ed vs B Ed case appointments of 3000 teachers in CG loomed teachers said Give us death government
रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सहायक शिक्षक पद मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के बाद अब राज्य के B.Ed. धारी सहायक शिक्षकों (Assistant Teachers) की नौकरी (Jobs) पर सांकल के बादल मंडराने लगे हैं। प्रदेश भर के लगभग 3000 B.Ed. धारी सहायक शिक्षकों की नियुक्ति को कभी भी निरस्त किया जा सकता है। इसके विरोध में सैकड़ों शिक्षक घड़ी चौक पर प्रदर्शन करते नजर आए। इस दौरान उन्होंने ने सरकार से इच्छा मृत्यु कि मांग की है। प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने कलेक्टर (Collector) के माध्यम से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे जनजाति तथा अनुसूचित जाति से सेवारत हैं। इस नियुक्ति को उच्च न्यायालय बिलासपुर (Bilaspur High Court) द्वारा अमान्य घोषित कर दिया गया है।
इस फैसले के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) द्वारा उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती दी गई। सहायक शिक्षकों द्वारा भी SLPS लगायी गयी। बीते 28 अगस्त 2024 को मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे खारिज कर दिया गया है। अब टीचर्स का कहना है कि हम और हमारे परिवार का जीवन इसी नौकरी पर आश्रित है, नौकरी चले जाने के पश्चात हम पर आजीविका का संकट के साथ-साथ मानसिक, आर्थिक तथा सामाजिक तौर पर उत्पीड़न की भयावह स्थिति बनेगी। ऐसे में सरकार को इस बारे में गहराई से विचार करना चाहिए ताकि एक शिक्षक का परिवार ना बिखरे।
सौंपे गए ज्ञापन में शिक्षकों ने अपनी मांग को लेकर कहा है कि इस भयावह संकट से उबारने के लिए एक विकल्प है जिसके आधार पर सरकारी एडवोकेट के द्वारा दिये गये सुझाव एवं छत्तीसगढ़ भर्ती नियम 2019 के अनुसार हमें सहायक शिक्षक के ही वेतन पर शिक्षक (UDT) के 15588 रिक्त पद के विरुद्ध समायोजन किया जा सकता है, जिसमें इस पद के लिए विषय बाध्यता का प्रावधान नहीं है।
इन टीचर्स का कहना है कि हम सब आवश्यक अर्हताएं रखते हैं। नये पदों का सृजन कर राज्य शासन समान ग्रेड-पे के समकक्ष नये पदों का सृजन कर माध्यमिक शाला या उच्चतर माध्यमिक शाला में शैक्षणिक सेवा प्रदान करने का अवसर हो, जो कि शिक्षक पद में पदोन्निति के पश्चात स्वतः समाप्त हो जायेगा। शिक्षकों ने मांग उठाई की छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाकर इस नियुक्ति को सुरक्षित रखा जाये। उन्होंने ने कहा है कि शिक्षकों की मार्मिक दशा पर संज्ञान लेते हुए प्रभावित 2900 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति को जारी रखने हेतु आवश्यक समाधान करें या फिर सरकार उन्हें इच्छा मृत्यु दे।