

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार

Anurag Kashyap: Anurag Kashyap's daughter is getting threats after controversial comment on Brahmins, posted and apologized on social media
मुंबई। बॉलीवुड फिल्ममेकर अनुराग कश्यप अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी फिल्म 'फुले' पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन द्वारा की गई कट्स को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। अपने बयान में उन्होंने ब्राह्मण समुदाय को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके चलते उनकी काफी आलोचना हुई थी। साथ ही, इस बढ़ते विवाद के चलते उनकी बेटी को धमकियां मिल रही हैं। इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर माफी मांगी है।
अनुराग कश्यप ने ब्राह्मणों को लेकर की गई भड़काऊ टिप्पणी के बाद माफ़ी मांगी है। इंस्टाग्राम पर शेयर की गई पोस्ट में उन्होंने कहा, "यह मेरी माफ़ी है, मेरी पोस्ट के लिए नहीं, बल्कि उस एक लाइन के लिए जिसे गलत संदर्भ में लिया गया और जिससे नफ़रत फैल रही है। कोई भी काम या भाषण इस लायक नहीं है कि आपकी बेटी, परिवार, दोस्त और सहकर्मी नैतिकता के रखवालों से बलात्कार और मौत की धमकियाँ पाएँ। इसलिए, जो कहा गया है उसे वापस नहीं लिया जा सकता है और मैं इसे वापस नहीं लूँगा। हालाँकि, अगर आप अपना गुस्सा किसी पर निकालना चाहते हैं, तो वह मुझ पर निकालिए। मेरे परिवार ने न तो कुछ कहा है और न ही वे कभी बोलेंगे।" अनुराग कश्यप ने आगे कहा, ““तो, अगर आप माफी चाह रहे हैं, तो यह मेरी माफी है। ब्राह्मणों, कृपया महिलाओं के प्रति दया दिखाएं; यहां तक कि शास्त्र भी ऐसी शालीनता सिखाते हैं, न कि केवल मनुस्मृति। इस बात पर विचार करें कि आप वास्तव में किस प्रकार के ब्राह्मण बनना चाहते हैं। जहां तक मेरा सवाल है, मैं माफ़ी मांगता हूं।”
हाल ही में अनुराग कश्यप ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट के ज़रिए फ़िल्म "फुले" को लेकर हो रहे विवाद को संबोधित किया। अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा, “'धड़क 2' की स्क्रीनिंग के दौरान सेंसर बोर्ड ने दावा किया कि मोदी जी ने भारत में जाति व्यवस्था को खत्म कर दिया है। इसी दावे के आधार पर 'संतोष' भी भारत में रिलीज़ नहीं हुई। अब ऐसा लगता है कि ब्राह्मणों को 'फुले' से परेशानी हो रही है। अगर जाति व्यवस्था नहीं रही तो ब्राह्मणों की क्या प्रासंगिकता है? आप कौन हैं और आप इतने परेशान क्यों हैं? अगर जाति व्यवस्था नहीं थी तो ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई कौन थे? मैंने जो पहला नाटक खेला था वो ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले के बारे में था। अगर इस देश में जाति व्यवस्था नहीं होती तो उन्हें लड़ने की क्या ज़रूरत थी? क्या ब्राह्मणों को अब शर्म आ रही है या वे शर्म से मर रहे हैं या फिर भारत में कोई अलग ब्राह्मण समुदाय है जिसे हम नहीं देख पा रहे हैं?”