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Arun Sao said facilities like electricity and water were non-existent, Baij hit back
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी निकाय और पंचायत चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसके शासनकाल में प्रदेश के नगरीय निकायों की हालत दयनीय हो गई थी, जिससे लोग बिजली, पानी और सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान थे। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि 2019 में जब कांग्रेस ने नगरीय निकायों में अपना कब्जा जमाया, तो उन्होंने सत्ता में आते ही शहरों के विकास को नजरअंदाज किया और निकायों की स्थिति को और भी बदतर बना दिया। उन्होंने यह भी बताया कि कई पार्षदों को नल की टोंटी बदलने के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़े, क्योंकि निकायों के पास फंड की कमी थी।
अरुण साव ने कहा, "भाजपा सरकार ने राज्य के नगरीय निकायों के विकास के लिए 7300 करोड़ रुपये दिए हैं, और हम हमेशा विकास के लिए राजनीति करते हैं, न कि राजनीति के लिए विकास।" उन्होंने केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार की योजनाओं को लेकर जनता के बीच जाएंगे।
वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने चुनाव के परिणामों के समय को लेकर छात्रों और अभिभावकों की परेशानियों को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि निकाय और पंचायत चुनावों के परिणाम एक साथ घोषित होने चाहिए, क्योंकि दोनों चुनावों के लिए आचार संहिता एक साथ लागू की गई है। बैज ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के एक साल के कार्यकाल में युवा, किसान, महिला, मजदूर, विद्यार्थी और अन्य वर्गों के लोग निराश हुए हैं और उन्हें लगता है कि सरकार ने उन्हें धोखा दिया है।