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Assembly committee should submit report soon Chhattisgarh HC on solar light scam in Bastar division
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में सोमवार को बस्तर संभाग के जिलों में सोलर लाइट और अन्य उपकरणों की खरीदी में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर सुनवाई हुई। मामले में पिछली सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच द्वारा 19 फरवरी 2025 को ऊर्जा विभाग के सचिव और अध्यक्ष से मांगे गए जवाब को अदालत में प्रस्तुत किया गया। इस हलफनामे में कोंडागांव जिले में हुई गड़बड़ियों को लेकर जवाब पेश किया गया और बताया गया कि इस संबंध में विधानसभा की एक समिति गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। अदालत ने इस पर नाराजगी जताते हुए समिति से जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच सुनवाई कर रही है।
बता दें कि, बस्तर संभाग के जिलों में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के बीच कोंडागांव जिले में सोलर स्ट्रीट लाइट की खरीद को लेकर गंभीर शिकायतें सामने आई थीं। यह मामला मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित हुआ और राज्य विधानसभा में भी इस पर चर्चा हुई थी। एक सदस्य द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न के जवाब में विधानसभा की जांच समिति ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। महाधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि 6 अगस्त 2024 को विधानसभा में घोषणा के बाद 8 अगस्त 2024 को पांच सदस्यों की एक समिति गठित की गई थी, लेकिन अब तक उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। हाई कोर्ट ने इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि, महाधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान बताया कि सुकमा जिले में भी इसी तरह की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं, जबकि कांकेर जिले में इस मामले को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। अदालत ने इन मामलों में तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए और अगली सुनवाई की तिथि 5 मई 2025 निर्धारित की।
बता दें कि, इस मामले को हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है। यह घोटाला वर्ष 2021 से 2023 के बीच बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। इनमें आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, खनिज न्यास निधि और क्षमता विकास निधि जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत उपलब्ध धनराशि का दुरुपयोग किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बस्तर संभाग के 100 से अधिक गांवों में 3620 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गईं। इनकी लागत 2,500 रुपये प्रति यूनिट के बजाय 47,600 रुपये प्रति यूनिट दिखाई गई, जिससे कुल 17.23 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसी प्रकार, सुकमा में 85 लाख रुपये, जांजगीर में 2.96 करोड़ रुपये, कोंडागांव में 8 करोड़ रुपये और कांकेर में 14.40 लाख रुपये की अनियमितताएं सामने आई हैं।
अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) के अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर ने अंदालत को बताया कि सोलर स्ट्रीट लाइट खरीद की प्रक्रिया उचित नहीं थी। संपूर्ण निविदा प्रक्रिया क्रेडा के माध्यम से की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।