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Bhupesh Baghel made a major statement on the increase in land guidelines and SIR, saying,
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में जमीन की गाइडलाइन बढ़ाए जाने पर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाए। उन्होंने इसे “पूरी तरह अव्यावहारिक आदेश” बताया और कहा कि इस निर्णय से प्रदेश में रजिस्ट्री ठप हो गई है। लोग जमीन खरीद-बिक्री नहीं कर पा रहे, व्यापारी आंदोलनरत हैं, और इससे संकेत मिलता है कि “बहुत बड़ा खेल होने वाला है।”
बघेल बोले- रजिस्ट्री बंद, बड़ा खेल शुरू
भूपेश बघेल ने कहा कि जमीन की खरीदी-बिक्री के रुक जाने से आम नागरिक, किसान और व्यापारी सभी परेशान हैं। उनका कहना है कि सरकार इस आदेश को वापस नहीं ले रही है, जिससे संदेह और गहरा जाता है।
SIR को लेकर हमला
बघेल ने SIR प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि, SIR के कारण कई BLO की जान चली गई। निर्वाचन आयोग जागकर अब 7 दिन का समय बढ़ा रहा है। जब मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और यूपी में चुनाव नहीं हैं, तो सिर्फ एक महीने की समयसीमा क्यों रखी गई? उन्होंने आरोप लगाया कि BLO को धमकियां दी जा रही हैं, मानसिक दबाव बढ़ रहा है, और यह मुद्दा गंभीर मानवीय स्थिति पैदा कर रहा है। उनका सवाल था किसी भी राज्य ने अब तक नहीं बताया कि घुसपैठियों की संख्या कितनी है। भारत सरकार के गृह विभाग द्वारा भेजे गए पत्र का पालन भी नहीं हो रहा।
संचार साथी ऐप- नागरिकों की निजी जानकारी खतरे में?
भूपेश बघेल ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन के उस फैसले पर भी आपत्ति जताई, जिसमें मार्च 2026 से सभी नए मोबाइलों में “संचार साथी ऐप” प्री-इंस्टॉल करने की बात कही गई है। भूपेश बघेल ने कहा, “उस ऐप के जरिए अब लोगों की जानकारी ली जाएगी। सरकार अपने ही नागरिकों से डर गई है। अधिकारी कर क्या रहे हैं? छत्तीसगढ़ में ड्रग माफिया पकड़ा गया, उसका क्या हुआ?”
बस्तर और भूमि गाइडलाइन- भूपेश बघेल के सवाल
बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति को लेकर भी बघेल ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, बस्तर के लिए आपने एक फूटी कौड़ी नहीं दी। आपकी नजर बस्तर की जमीन, जंगल और खनिज पर है। हमारी सरकार ने बस्तरवासियों को जमीन वापस कराई और वन अधिकार पट्टा बांटा। आपने बस्तर में किया क्या है? एक भी काम बताएं। उन्होंने सवाल खड़ा किया,“कहीं जमीन की गाइडलाइन बस्तर की वजह से ही तो नहीं बढ़ाई गई?”