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Big news: National Herald money laundering, ED accuses Gandhi family of embezzling property worth Rs 2000 crore
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड से जुड़े बहुचर्चित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ईडी ने अदालत में कहा कि कांग्रेस को दान देने वालों के साथ धोखाधड़ी की गई और कुछ दानदाताओं को बदले में पार्टी टिकट भी दिए गए, जिससे उनके साथ छल हुआ।
यंग इंडियन को बताया ‘कठपुतली कंपनी’
ईडी की ओर से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने अदालत में दलील दी कि गांधी परिवार का यह दावा ग़लत है कि उनका एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर कोई नियंत्रण नहीं था। उन्होंने बताया कि एजेएल, जो मूल रूप से नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशक है, लंबे समय से गांधी परिवार के नियंत्रण में रहा है।
एएसजी राजू ने यंग इंडियन लिमिटेड को एक आवरण कंपनी करार दिया और कहा कि यह गांधी परिवार की कठपुतली है, जिसका इस्तेमाल एजेएल की लगभग 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को हड़पने के लिए किया गया। ईडी के अनुसार, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मात्र 50 लाख रुपये में यंग इंडियन के माध्यम से यह नियंत्रण हासिल किया।
पत्रकारिता नहीं, संपत्ति पर कब्जा था उद्देश्य- ईडी
ईडी ने यह भी कहा कि यंग इंडियन ने नेशनल हेराल्ड अखबार को फिर से प्रकाशित करने का कोई प्रयास नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका उद्देश्य पत्रकारिता नहीं बल्कि संपत्ति पर कब्जा करना था। एजेंसी ने इसे “क्लासिक मनी लॉन्ड्रिंग” केस बताया और कहा कि आपराधिक आय अर्जित करने की पूरी योजना यंग इंडियन लिमिटेड के माध्यम से बनाई गई।
कांग्रेस की ओर से बचाव
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा ने अदालत में तर्क दिया कि एजेएल को कभी बेचा नहीं गया बल्कि कांग्रेस ने उसे बचाने की कोशिश की थी। उनका दावा था कि यह एक व्यावसायिक लेन-देन नहीं बल्कि सामाजिक सरोकारों से जुड़ी पहल थी।
अगली सुनवाई 14 जुलाई को
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख 14 जुलाई तय की है। इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।