

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार

Big news: Taliban punishment for love affair in Rayagada, lovers couple beaten up by plowing and driven out of the village
नई दिल्ली। ओडिशा के रायगड़ा जिले में प्रेम संबंध के एक चौंकाने वाले मामले में, एक ही गोत्र के प्रेमी जोड़े को कथित तौर पर "तालिबानी" सजा दी गई है। कल्याणसिंहपुर प्रखंड के शिकारपाई पंचायत के कंजामयोजी गांव में हुई इस क्रूर घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। ग्रामीणों ने प्रेमी जोड़े को बैलों की तरह हल में जोतकर उनसे खेत जुतवाया, उन्हें लाठियों से पीटा और अंततः गांव से बेदखल कर दिया।
जानकारी के अनुसार, कंजामयोजी गांव के एक युवक और युवती के बीच प्रेम संबंध था। आदिवासी समाज में एक ही गोत्र के युवक-युवती को भाई-बहन माना जाता है, और ऐसे विवाह पर सख्त रोक है। जब इस प्रेम प्रसंग की भनक समाज के लोगों को लगी, तो कंजामयोजी के ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने सभी नियमों और कानूनों को ताक पर रखकर एक बैठक बुलाई, जिसमें प्रेमी जोड़े के लिए कठोर सजा तय की गई।
सजा के तौर पर, प्रेमी जोड़े को बैलों की तरह हल में जोतकर उनसे खेत जुतवाया गया। बताया जा रहा है कि गांव की देवी की पूजा के बाद इस जोड़े को धमकाकर यह अमानवीय कृत्य करवाया गया। जुताई के बाद भी ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। दोनों को लाठियों से बेरहमी से पीटा गया और हमेशा के लिए गांव से बेदखल कर दिया गया। फिलहाल उनके ठिकाने का पता नहीं चल पाया है।
कल्याणसिंहपुर के थाना प्रभारी नीलकंठ बेहरा ने इस क्रूर घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम के साथ वे फिलहाल कंजामयोजी गांव में हैं और मामले की जांच कर रहे हैं। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जो इसकी भयावहता को दर्शाता है।
आज के डिजिटल दौर में किसी पंचायत या समाज द्वारा प्रेमी युगल को इस तरह सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित करना बेहद झकझोर देने वाला है। इस तरह की घटना की हर स्तर पर निंदा की जानी चाहिए और ऐसी सोच रखने वालों को किसी भी प्रकार का समर्थन नहीं मिलना चाहिए।
भास्कर ने अपने विचार में कहा, "अगर कोई बच्चा किसी को चाहता है, तो परिजन को चाहिए कि उसे अपने तर्क से समझाएं। जोर-जबरदस्ती कभी इसका हल नहीं हो सकती। अगर किसी ने कानून तोड़ा है, तो उसको सजा देने के लिए देश में निर्धारित न्याय प्रक्रिया है। किसी को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।" यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक रूढ़ियों और न्याय व्यवस्था को चुनौती देने वाले कृत्यों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।