Big organizational change in Chhattisgarh Congress, president changed in 14 districts
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने और आगामी राजनीतिक रणनीति को धार देने के लिए संगठन के पुनर्गठन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। संगठन को मजबूत करने, अनुभवी नेताओं के साथ-साथ युवाओं को भी जिम्मेदारी देने की रणनीति पर पार्टी तेजी से काम कर रही है। संगठन जिलों के अध्यक्षों में बदलाव के साथ-साथ महिला कांग्रेस और एनएसयूआई में भी नई नियुक्तियों की तैयारी जोरों पर है।
14 जिलों में बदले गए अध्यक्ष, शेष की नियुक्ति ‘न्याय पथ पदयात्रा’ के बाद
प्रदेश कांग्रेस के 41 संगठनात्मक जिलों में से अब तक 14 जिलों में अध्यक्ष बदले जा चुके हैं। शेष जिलों के अध्यक्ष पद पर नियुक्तियों की प्रक्रिया ‘न्याय पथ पदयात्रा’ के समापन के बाद की जाएगी। इस पदयात्रा का आयोजन 18 से 21 अप्रैल तक प्रस्तावित है, जिसका समापन मुख्यमंत्री आवास के घेराव के साथ होगा।
सूत्रों के अनुसार, जिन जिलों के अध्यक्षों को बदला जाना तय माना जा रहा है उनमें धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, रायगढ़ शहर, सक्ती, जांजगीर-चांपा, भिलाई नगर, दुर्ग शहर, रायपुर शहर-ग्रामीण, राजनांदगांव शहर, मोहला-मानपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कांकेर, बीजापुर और सूरजपुर शामिल हैं। इसके अलावा 12 से 15 जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका मिलने की भी संभावना है।
ढाई सौ से अधिक पदों पर होगी नियुक्ति, पीसीसी अध्यक्ष को विस्तार की हरी झंडी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को बदले जाने की चर्चाएं लगभग समाप्त हो गई हैं। पार्टी नेतृत्व ने उनके कार्यकाल को जारी रखते हुए संगठनात्मक विस्तार की स्वीकृति दे दी है। इस विस्तार के तहत प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) में उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त महासचिव और सचिव जैसे करीब ढाई सौ पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।
सूत्रों के अनुसार, इस जंबो कार्यकारिणी में कई नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। जिन नेताओं ने चुनाव से पहले पार्टी छोड़ी थी या जिन्हें निष्कासित किया गया था, उनके स्थान पर नए लोगों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
महिला कांग्रेस को मिलेगी नई कमान, ओबीसी वर्ग की नेत्री हो सकती हैं जिम्मेदार
प्रदेश में महिला कांग्रेस की सक्रियता पिछले कुछ समय से लगभग शून्य है। ऐसे में विपक्ष की भूमिका को मजबूती देने के लिए पार्टी नेतृत्व महिला कांग्रेस की बागडोर किसी तेजतर्रार महिला नेत्री, विशेष रूप से ओबीसी वर्ग की प्रतिनिधि को सौंपने की तैयारी कर रहा है। इससे संगठन को सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन भी मिलेगा।
एनएसयूआई में भी बदलाव की तैयारी
राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है। पार्टी इसे लेकर भी नई नियुक्ति की तैयारी में है। युवा और जुझारू नेता को कमान सौंपने की संभावना जताई जा रही है ताकि छात्र राजनीति में संगठन की पकड़ और मज़बूत हो।
अप्रैल के अंत तक पूरी हो सकती हैं नियुक्तियां
'न्याय पथ पदयात्रा' के बाद संगठन विस्तार की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक अधिकांश नियुक्तियां पूरी कर ली जाएंगी। कांग्रेस इस नए संगठनात्मक ढांचे के सहारे जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मज़बूत कर भाजपा को घेरने की रणनीति को आगे बढ़ाना चाहती है।
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