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Big revelation in Sushasan Tihar: Crackdown on government jobs found with fake documents, complainant gave evidence
जांजगीर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में सुशासन तिहार के दौरान कलेक्टर के नाम पर एक गंभीर शिकायत दर्ज की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि दो सरकारी कर्मचारियों ने फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी के जरिए पद हासिल किया है। शिकायतकर्ता हृदय नारायण सोनी ने आरोपों के समर्थन में दस्तावेज भी पेश किए हैं और आरोपी व्यक्तियों को बर्खास्त करने की मांग की है।
शिकायत के अनुसार, प्रेमसुख लहरे और मोतीलाल कश्यप ने 2019 में गलत जानकारी देकर ड्राइवर के रिक्त पदों पर सरकारी नौकरी प्राप्त की। दोनों ने अपने आवेदन में बताया कि, उनके दो बच्चे हैं, जबकि वास्तव में उनके चार और तीन बच्चे हैं, जो उन्हें नियमों के अनुसार अयोग्य बनाता है।
हृदयनारायण ने बताया कि, भर्ती विज्ञापन में सात साल का सरकारी अनुभव मांगा गया था, लेकिन दोनों अभ्यर्थियों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी से पता चला है कि प्रेमसुख लहरे ने 2007 से फरवरी 2019 तक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास में वाहन चालक के पद पर नहीं बल्कि दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम किया। शिकायत में यह भी कहा गया है कि प्रेमसुख लहरे और उनकी पत्नी दोनों ही सरकारी कर्मचारी हैं, लेकिन उन्होंने शांति नगर, वार्ड क्रमांक 25 में सरकारी जमीन पर पट्टा लेकर मकान बना लिया है। साथ ही विभाग से किराया भी ले रहे हैं। यह सरकारी नियमों का खुला उल्लंघन है।
शिकायतकर्ता ने भर्ती प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि, दावे और आपत्तियों के लिए केवल एक दिन आवंटित किया गया था और वरिष्ठता सूची जारी होने के बाद भी पर्याप्त समय नहीं दिया गया, जिससे योग्य उम्मीदवारों को उचित अवसर नहीं मिल पाया।