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Brazilian model Larissa said, 'I have nothing to do with India's voter list'
BREAKING: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में हरियाणा की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का दावा करते हुए कहा कि लगभग २५ लाख वोटर रिकॉर्ड फर्जी या डुप्लिकेट हैं। उनके अनुसार, लगभग हर आठवें मतदाता की पहचान नकली है। उन्होंने इसे “हाइड्रोजन बम” की तरह बताया, क्योंकि उनका कहना है कि अगर ये फर्जी वोट हटाए जाते तो कांग्रेस की भारी जीत होती।
इस मामले में राहुल गांधी ने एक ब्राज़ीलियाई मॉडल की फोटो का हवाला दिया। उनका दावा था कि इस मॉडल की फोटो अलग-अलग नामों के तहत २२ बार दस विभिन्न बूथों में इस्तेमाल हुई। उन्होंने बताया कि यह फोटो स्टॉक इमेज से ली गई थी और इसका भारत की वोटर लिस्ट में गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ।
लारिसा ने मीडिया से कहा
ब्राज़ील की मॉडल, लारिसा रोचा सिल्वा, ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका भारत की राजनीति या वोटर लिस्ट से कोई लेना‑देना नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी फोटो का इस तरह गलत इस्तेमाल होना उनके लिए चौंकाने वाला है। लारिसा ने मीडिया से कहा, “What craziness is this?” और स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भारत में वोट नहीं डाला।
स्थानीय मतदाता पिंकी जुगिंदर कौशिक
स्थानीय मतदाता पिंकी जुगिंदर कौशिक ने भी बयान दिया कि उनका वोट उन्होंने स्वयं डाला है और फोटो गलती से उनकी वोटर आईडी पर छपी थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसे सुधारने के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक सही फोटो वाला कार्ड उन्हें नहीं मिला।
Election Commission of India ने कहा है कि इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। यह तथ्य भी सामने आया है कि उक्त फोटो कई फ्री स्टॉक फोटो वेबसाइट्स पर उपलब्ध थी और इसे कई फेक प्रोफाइल्स में इस्तेमाल किया गया।
इस मामले ने व्यापक चर्चा खड़ी कर दी है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत की मतदाता सूची पूरी तरह सुरक्षित है या इसमें त्रुटियाँ संभव हैं। राजनीतिक रूप से, कांग्रेस ने इसे अपने चुनावी रणनीति का हिस्सा बनाया है, जबकि BJP ने पलटवार किया है।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि राहुल गांधी द्वारा बताए गए २२ उपयोग किए गए फोटो के दावे की सत्यता कितनी है। महिला मतदाता ने खुद मतदान किया होने का दावा किया है और ECI ने भी कहा है कि कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
इस पूरे मामले ने यह सवाल उठाया है कि अगर एक स्टॉक फोटो वोटर सूची में आ सकती है, तो आगे अन्य राज्यों में कितनी त्रुटियाँ हो सकती हैं। यह राजनीतिक और लोकतांत्रिक दृष्टि से एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है।