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CBI took action against five people accused of implicating scientist Nambi Narayanan in ISRO espionage case
तिरुअनंतपुरम। सीबीआइ ने 1994 के इसरो जासूसी मामले में एक्शन लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अंतरिक्ष विज्ञानी नंबी नारायणन को फंसाने के आरोप में एक स्थानीय अदालत में पांच व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। हालांकि, किन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है इसका खुलासा नहीं हुआ है।
बता दें कि, 1994 में मालदीव की नागरिक रशीदा को तिरुअनंतपुरम में इसरो रॉकेट इंजन का ग्राफिक्स हासिल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा 15 अप्रैल 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि नारायणन से जुड़े जासूसी मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर गठित उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट सीबीआइ को दी जाए।
रशीदा पर आरोप था कि उसने पाकिस्तान को बेचने के लिए रॉकेट इंजन का ग्राफिक्स हासिल किया है। नारायणन को भी तत्कालीन इसरो उपनिदेशक डी शशिकुमारन और रशीदा की दोस्त फौजिया हसन के साथ गिरफ्तार किया गया था।
नंबी नारायणन पर जो भी आरोप लगे वे सीबीआई की जांच में गलत साबित हुए। सीबीआई ने कहा था कि भारत की स्पेस एजेंसी के प्रोग्रामों को नष्ट करने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए गए थे। अगर कुछ लोगों की माने तो कहा जाता है कि उन्होंने किसी बड़े ऑफर को ठुकरा दिया था, जिसके बाद अमेरिका के इशारों पर उन्हें फंसाया गया था। साल 1996 में केरल की अदालत ने उन्हें निर्दोष साबित कर रिहा कर दिया।
नंबी नारायणन के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वे अपने काम में लगे रहे। नंबी को अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने भी काम करने के लिए ऑफर दिया था और वे कुछ हद तक राजी भी हो गए थे। बाद में कुछ कारणों की वजह से वह नासा के साथ काम नहीं कर सके। नंबी नारायणन को उनकी खोज की वजह से भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
बता दें कि, नंबी पर बॉलीवुड मूवी रॉकेट्री भी बनी है। इसमें दिग्गज कलाकार माधवन ने उनकी भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में नंबी की जिंदगी की सफलता से लेकर उनके संघर्ष और उसके बाद उनके पाकसाफ होकर निकलने तक की पूरी कहानी बताई ओर दिखाई गई थी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन भी किया था।