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CG Crime: Cruelty to a student for saying 'Radhe-Radhe'; strict action taken against school management
रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के एक निजी स्कूल में "राधे-राधे" कहने पर एक छात्रा के साथ हुई क्रूरता का मामला सामने आया था। जिसे लेकर छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है और स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले में FIR दर्ज कर ली है। आयोग ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी करते हुए आगामी 14 अगस्त को स्कूल की प्रिंसिपल और प्रबंधक को पेश होने का निर्देश दिया है।
जानकारी के अनुसार, दुर्ग के निजी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा को उसकी शिक्षिका ने "जय श्री कृष्ण" और "राधे-राधे" कहने पर बुरी तरह से प्रताड़ित किया। आरोप है कि, शिक्षिका ने छात्रा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते हुए उसे मानसिक रूप से परेशान किया। छात्रा का आरोप है कि शिक्षिका ने उसे धमकाया और कहा कि वह स्कूल में धार्मिक बातें न करे। इस घटना के बाद छात्रा इतनी डर गई थी कि उसने स्कूल जाना बंद कर दिया।
यह मामला छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, तेजकुंवर नेताम तक पहुँचा। उन्होंने इस घटना को बच्चों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन मानते हुए तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। आयोग ने इसे बच्चों के प्रति क्रूरता और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का मामला मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया।
आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल की प्रिंसिपल और प्रबंधक को आगामी 14 अगस्त को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है। इस दौरान उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। अगर जाँच में स्कूल प्रबंधन पर लगे आरोप सिद्ध होते हैं, तो आरोपी के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत बच्चों के साथ क्रूरता एक गंभीर अपराध है। यदि स्कूल प्रबंधन पर लगे आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो नियमों के अनुसार आरोपी को 5 साल तक की कैद हो सकती है। आयोग का यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि स्कूलों में बच्चों के साथ किसी भी तरह की धार्मिक या मानसिक प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।