Copyright © 2024 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार
BJP ON EVM MACHINE CONTROVERY
रायपुर। प्रदेश में बीतें दिनों हुए उपचुनाव में कांग्रेस को काफी हार का सामना करना पड़ा। प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी हार को स्वीकार करने के बजाय ईवीेएम मशीन के कार्य प्रणाली पर ही सवाल उठा दिया।
वहीं इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ने भी यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, ईवीेएम मशीन की कार्य प्रणाली में कोई गड़बड़ी नही हैं, कोर्ट ने कहा कि,जब पार्टियां चुनाव जीत जाती हैं तब कोई गड़बड़ी नही होती, और जब हार का सामना करना पड़ता हैं तो मशीन की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाया जाता हैं।
जिसके बाद इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ मे सियासी बवाल मचा हुआ हैं, बता दें कि, इस मामलें पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व सीएम रहे भूपेश बघेल ने मशीन की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए इसके जाँच की मांग की हैं।
इसे भी पढ़ें:- EVM मशीन के मुद्दे पर अब पूर्व सीएम भूपेश बघेल का बयान; बोले- जिस पोलिंग बूथ से हम जीते थे वहां...जांच की उठाई मांग
वहीं इस मुद्दे पर भाजपा भी विपक्ष पर हमलावर रही। बीजेपी के वनमंत्री समेत प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने भी कांग्रेस के ब्यानबाजी पर जवाब दिया। वहीं अब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने ईवीएम को लेकर कांग्रेस के रुख को लेकर तीखा हमला बोला है, औऱ इसे सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की खुली अवहेलना बताया है।
उन्होंने कहा कि, इससे यह आईने की तरह साफ हो गया है कि, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति कांग्रेस के लोगों में जरा भी सम्मान नहीं है और देश में संविधान रक्षक अभियान चलाकर कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक नौटंकी करने में लगी है। शर्मा ने कहा कि, कांग्रेस 'दो-गलेपन' का प्रदर्शन कर रही है।
इसे भी पढ़ें:- EVM मशीन वोटिंग पर प्रदेश मे सियासत गर्म; कवासी लखमा बोले- EVM को लेकर होगा बड़ा आंदोलन, बैलेट पेपर से होना चाहिए मतदान
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे कवासी लखमा ने एक बार फिर बैलेट पेपर से मतदान की मांग करके और यह कहकर कि, ईवीएम से आगामी विधानसभा चुनाव हुआ तो, कांग्रेस इलेक्शन नहीं लड़ेगी, यह बता दिया है कि, कांग्रेस को न तो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भरोसा है और न ही देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के प्रति सम्मान है।
उन्होंने कहा कि, लखमा का यह बयान कांग्रेस के असली राजनीतिक चरित्र का ही परिचायक है। शर्मा ने इसी संदर्भ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज पर भी निशाना साधा और कहा कि, बैज को यह स्पष्ट करना होगा कि, क्या प्रदेश कांग्रेस लखमा के बयान से इत्तेफाक रखती है? क्या इस अक्षम्य बयानबाजी के लिए लखमा पर कांग्रेस नेतृत्व कोई कड़ी कार्रवाई करने की हिम्मत जुटाएगा? लखमा के बयान पर बैज सिर्फ यह कहकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकते कि ‘कांग्रेस गठबंधन सहयोगियों से बात करेगी और आंदोलन किया जाएगा। चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए। ईवीएम से चुनाव लड़ना है या नहीं, हाईकमान तय करेगा।'
शर्मा ने कहा कि, बैज और लखमा घुमा-फिराकर 'दो गले' से एक ही बात कहकर देश के संसदीय प्रजातंत्र, न्यायपालिका और संविधान का एक तरफ खुला मखौल उड़ा रहे हैं और दूसरी तरफ संविधान की दुहाई देकर झूठा नैरेटिव चला रहे हैं। जबकि कांग्रेस अच्छे से जानती है कि, EVM की शुरुआत उनके ही कार्यकाल के समय हुआ था। 2004 से लेकर 2014 तक लगातार 10 वर्ष केंद्र में EVM से चुनकर ही कांग्रेस ने शासन चलाया और 2018 के बाद 5 साल से EVM से ही चुनकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई बावजूद कांग्रेस के इस 'दो-गलेपन' के चलते छत्तीसगढ़ समेत देशभर में कांग्रेस विलुप्त होने के कगार पर है।
इसे भी पढ़ें:- EVM मुद्दे पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल का बयान; बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने किया पलटवार