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CG News Big fraud in 10 acres of temple land regarding Bharatmala project matter reached HC
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ियों को लेकर शासन ने बीते दिनों प्रदेश के 11 जिलों में इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। मुआवजा भुगतान में गड़बड़ी की शिकायतें तो लंबे समय से मिल रही थी अब इन गड़बड़ियों की रिपोर्ट में जैतूसाव मठ की बागेतरा गांव में 10 एकड़ तक फैली मंदिर की जमीन को लेकर भी एक मामला सामने आया है।
बता दें कि, इस मंदिर का मामला पहले से ही हाईकोर्ट चल रहा है। दशकों से इस मामले में मंदिर प्रबंधन न्यायालयीन लड़ाई लड़ रहा है। कुछ अवसरों पर मंदिर प्रबंधन को कोर्ट से राहत भी मिली लेकिन वर्तमान में हाईकोर्ट में प्रकरण विचाराधीन है। इसके बावजूद तत्कालीन SDM और अन्य अफसरों ने मिलकर जमीन में मंदिर प्रबंधन के विरुद्ध केस लड़ रहे पक्षकार को 2 करोड़ 13 लाख रुपए मुआवजे का भुगतान कर दिया।
जांच प्रतिवेदन के साथ ही शासन ने भी इसे नियम विरुद्ध माना है। विधानसभा में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने अपने जवाब में भी स्वीकार किया कि, जैतूसाव मठ के मामले में नियमों की अनदेखी कर मुआवजे का भुगतान कर दिया गया। बागेतरा की जमीन का कुल मुआवजा 2 करोड़ 37 लाख का होता है, जिसमें से 2 करोड़ 13 लाख रुपए के मुआवजे का भुगतान कर दिया गया है। जबकि नियम के अनुसार, न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण में किसी पक्षकार को मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा सकता।
जानकारी के अनुसार, बागेतरा में मठ की जमीनों में 2 करोड़ 37 लाख 76 हजार 417 रुपए का मुआवजा दिया जाना था। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि खसरा नंबर 759 का मुआवजा 21 लाख 26 हजार रुपए होता है। जबकि कथित तौर पर फर्जी दावेदार को भुगतान 2 करोड़ 13 लाख 38 हजार 568 रुपए का कर दिया गया। इस तरह शासन को 1 करोड़ 94 लाख 58 हजार 272 रुपए का अधिक भुगतान किया गया। मंदिर ट्रस्ट ने इसकी शिकायत 2023 में ही कलेक्टर से की थी।
जैतूसाव मठ के सचिव ने जानकारी दी कि जैतूसाव मठ की जमीन को लेकर वर्तमान में हाईकोर्ट में प्रकरण विचाराधीन है। ट्रस्ट को जानकारी मिली कि, कुछ लोग खुद का भूमि पर अधिकार बताकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इसके बाद वर्ष 2020 और 2023 में पत्र भेजकर जांच की मांग की और मुआवजा नहीं देने का आग्रह किया। इसके बावजूद अफसरों ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मुआवजा दे डाला।
इतना ही नहीं इस मामले में रायपुर के पूर्व विधायक और कांग्रेस के जाने माने नेता सत्यनारायण शर्मा ने भी शिकायत की थी। शिकायत के बाद मुआवजा भुगतान में गड़बड़ी को लेकर अफसरों ने जमीनों को टुकड़ों में काटकर शासन को खूब चूना लगाया और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मुआवजे का खेल कर डाला।
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