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CG News NITI Aayog praised the EGL initiative of Sukma district
सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की प्रारंभिक कक्षा शिक्षण (ईजीएल) पहल एक ऐसे क्षेत्र में जहाँ गोंडी, हलबी, दोरला और लम्बाडी जैसी विविध भाषाएँ बोली जाती हैं, सुकमा जिला, छत्तीसगढ़ भाषा के माध्यम से एक साझा पुल बना रहा है। प्रारंभिक कक्षा शिक्षण (ईजीएल) कार्यक्रम के तहत, कक्षा 1 और 2 के युवा शिक्षार्थियों को हिंदी में धाराप्रवाह पढ़ने और लिखने के लिए सशक्त बनाया जा रहा है - अवसर, समझ और आत्मविश्वास के द्वार खोल रहा है।
i. सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और बाल-केंद्रित दृष्टिकोण।
ii. प्रारंभिक साक्षरता के लिए तैयार किए गए चित्र कार्ड, कहानी की किताबें और कार्यपुस्तिकाएँ जैसे रचनात्मक उपकरण।
iii. रंग-कोडित ‘ग्रो बाय’ रीडिंग मैट बच्चों को पढ़ने के स्तर में कदम-दर-कदम प्रगति करने में मदद करता है।
स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) की बैठकों के दौरान माता-पिता छात्रों के साथ पढ़ते हैं, जिससे घर पर एक सहायक शिक्षण वातावरण बनता है।
2019 में 100 स्कूलों से आज 346 स्कूलों तक नियमित शिक्षक प्रशिक्षण, मूल्यांकन और पुनश्चर्या कार्यशालाएँ गुणवत्तापूर्ण शिक्षण परिणाम सुनिश्चित करती हैं।
तकनीकी मार्गदर्शन और क्षमता समर्थन प्रदान करने वाले विकास भागीदार- नीति आयोग बुनियादी साक्षरता के प्रति सुकमा की प्रतिबद्धता और ज़मीनी स्तर से भाषा कौशल के निर्माण में इसके अभिनव दृष्टिकोण की सराहना करता है। नीति आयोग ने अपने ऑफिसियल सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से जिले में चल रही ईजीएल योजना की जानकारी और स्कूल की फोटो शेयर की है। उन्होंने शिक्षा विभाग की इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि आकांक्षी जिला सुकमा में छात्रों को पढ़ाने और सिखाने के लिए नवाचारी पहल किया गया है जो बच्चों के लिए शिक्षाप्रद और उपयोगी साबित हो रहा है।
देखें पोस्ट :-
Building Strong Foundations: Sukma’s Early Grade Learning (EGL) Initiative In a region where diverse languages like Gondi, Halbi, Dorla, and Lambadi are spoken, Sukma District, Chhattisgarh, is creating a common bridge through language. Under the Early Grade Learning (EGL)