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CG liquor scam: EOW-ACB uncovered many important layers; Lakhma spent crores on relatives and close ones, investigation sword hangs over 29 people
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए ₹2,161 करोड़ के शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (acb) की जांच लगातार चौंकाने वाले खुलासे कर रही है। स्पेशल कोर्ट में पेश किए गए पूरक चालान से पता चला है कि, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अवैध शराब से अर्जित "काली कमाई" को अपने करीबियों, रिश्तेदारों और सहयोगियों पर बड़े पैमाने पर खर्च किया।
आपको बता दें कि, चालान में कवासी लखमा द्वारा महुआ खरीद में निवेश, रिश्तेदारों की हवाई यात्राओं पर खर्च, विभिन्न संपत्तियों में निवेश, और लाखों रुपये के नकद लेनदेन की विस्तृत जानकारी सामने आई है। EOW ने शराब सिंडिकेट से जुड़े राज्य के 29 से अधिक आबकारी अधिकारियों को भी आरोपित किया है, जिनके खिलाफ 5 जुलाई को कोर्ट में पांचवीं चार्जशीट पेश की जाएगी।
EOW की जांच में सामने आया है कि, 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान, कवासी लखमा ने अपने रिश्तेदारों और करीबियों के लिए ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से लगभग 42 लाख रुपये की हवाई यात्राएं करवाईं। इनमें से अधिकांश भुगतान नकद में किए गए। EOW ने टिकट बुकिंग के दस्तावेज ट्रैवल एजेंटों से प्राप्त किए हैं।
जांच में यह भी पता चला है कि, राशि अनवर ढेबर के माध्यम से आबकारी मंत्री को भेजी जाती थी। यह पैसा अमित सिंह के जरिए इंदरदीप सिंह गिल और कमलेश नाहटा तक पहुंचता था। जयंत देवांगन के माध्यम से मंत्री के बंगले में पैसा छोड़ा जाता था। व्हाट्सएप कॉल से इसकी पुष्टि होती थी, जिसमें कवासी लखमा के सुरक्षा अधिकारी शेख सकात की भूमिका भी सामने आई है।
चालान में बताया गया है कि, लखमा ने वर्ष 2020 में महुआ की बढ़ती कीमतों को देखते हुए तोंगपाल निवासी अपने करीबी व्यापारी जयदीप भदौरिया को 1 करोड़ रुपये दिए थे। बाद में उन्होंने स्वयं भी 1.5 करोड़ रुपये महुआ संग्रहण में निवेश किए। इस राशि के लिए पर्ची लखमा के नाम से जारी की गई थी।
सूत्रों के अनुसार, दंतेवाड़ा एनएसयूआई (NSUI) के पूर्व अध्यक्ष हलीम खान को लखमा ने 4 करोड़ रुपये नकद दिए थे। चालान में बताया गया है कि, इनमें से 1.5 करोड़ रुपये हैदराबाद के 'रेड्डी' को दिए गए, 73 लाख में रायपुर की सेल टैक्स कॉलोनी में एक मकान खरीदा गया और 80 लाख के गहने लिए गए। हलीम ने 12 लाख अपनी महिला मित्र को और 76 लाख अपने पुरुष मित्र के पास सुरक्षित रखवाए। साथ ही पौने तीन लाख का आईफोन भी खरीदा।
इसके आलावा लखमा के छह करीबी सहयोगियों के यहां से ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने छापेमारी कर 44 संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए हैं। इनमें सर्वाधिक दस्तावेज अंबिकापुर के कारोबारी अशोक अग्रवाल के पास से मिले।
ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया है कि, राज्य में वर्ष 2019 से 2023 के बीच शराब सिंडिकेट के माध्यम से जिले में आबकारी अधिकारियों को प्रति पेटी शराब पर ₹150 का कमीशन दिया जाता था। जांच में 29 अधिकारियों को आरोपित बनाया गया है, जिनमें 16 वर्तमान में सेवा में हैं, 12 रिटायर हो चुके हैं और एक की मृत्यु हो गई है। इन सभी के खिलाफ 5 जुलाई को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
तत्कालीन सहायक आयुक्त जनार्दन कौरव आबकारी विभाग का पूरा सिस्टम चला रहा था। वह एपी त्रिपाठी के निर्देश पर अधिकारियों की पोस्टिंग, अवैध शराब की गाड़ियों की जानकारी और अन्य समन्वय का काम करता था। डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर शराब सीधे दुकानों में पहुंचाई जाती थी। वर्ष 2019 से 2023 के बीच जिला आबकारी अधिकारियों द्वारा करीब 2,161 करोड़ रुपये की अवैध शराब बेची गई। करीब 319 करोड़ रुपये शराब सप्लायर्स से वसूले गए, जो सिंडिकेट तक पहुंचाए गए।