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CGPSC Mains Exam 2025: The idiom 'Ek Than Harra, Gaon Bhar Khonkhi' made the students sweat; said-
रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की मुख्य परीक्षा बीते गुरुवार से शुरू हो गई है, और पहले ही दिन एक छत्तीसगढ़ी मुहावरे ने उम्मीदवारों के पसीने छुड़ा दिए। तक़रीबन 246 पदों के लिए हो रही इस परीक्षा में पहले दिन 985 में से 917 अभ्यर्थी शामिल हुए। 29 जून तक चलने वाली इस परीक्षा के पहले दिन भाषा और निबंध के पेपर थे, और इन्हीं में से एक सवाल ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है।
आपको बता दें कि, प्रथम पाली में हुए भाषा के पेपर में हिंदी, अंग्रेजी और छत्तीसगढ़ी से कुल 34 प्रश्न पूछे गए थे। छत्तीसगढ़ी भाषा से जुड़े 8 सवालों में से एक प्रश्न ने सबका ध्यान खींचा, जिसमें से एक था.."एक ठन हर्रा, गांव भर खोंखी" का क्या आशय है?
अगर आप भी सोच में पड़ गए हैं, तो चिंता न करें। इस दिलचस्प छत्तीसगढ़ी कहावत का मतलब है "एक व्यक्ति की छोटी सी भी कमजोरी या गलती पूरे समुदाय को प्रभावित कर सकती है।" यह मुहावरा दिखाता है कि, कैसे समाज में एक की समस्या का असर सभी पर पड़ सकता है, ठीक वैसे ही जैसे एक हर्रा (एक औषधीय फल) से निकलने वाली खांसी पूरे गांव में फैल सकती है।
वहीं, भाषा के पेपर में सिर्फ मुहावरे ही नहीं, बल्कि व्याकरण के सवाल भी थे, जैसे..'गाय कोठा' का समास विग्रह' और 'ते पढ़बे' वाक्य में काल और पुरुष की पहचान।' इसके अलावा, दूसरी पाली में हुए निबंध के पेपर के विषयों को लेकर भी उम्मीदवारों की अलग राय बंटी हुई दिखी। जिसमें से कुछ ने कहा कि, पेपर तो सरल था, लेकिन मुहावरे सर के ऊपर से जा रहे थे, तो किसी ने कहा मुहावरे ही पेचीदे थे, जिसके कारण पेपर कठिन लगा रहा था।
परीक्षा हॉल से बाहर निकले उम्मीदवारों ने अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं। जहाँ CGPSC की एक अभ्यर्थी चंद्रिका जंघेल को लगा कि, पिछले साल के मुकाबले पेपर सरल था, वहीं उन्होंने माना कि भाषा के कुछ प्रश्नों ने उन्हें थोड़ा उलझाया। इसके विपरीत, प्रेम बघेल को निबंध के विषय काफी कठिन लगे और उन्होंने कहा कि, कुछ ऐसे विषय भी थे, जिनके बारे में सोचा भी नहीं था।
वहीं, CGPSC अभ्यार्थी तोषन लाल ने भी अप्रत्याशित निबंध विषयों की बात मानी, लेकिन उन्हें छत्तीसगढ़ से जुड़े टॉपिक अच्छे लगे। वहीं, संगीत कुमार को भाषा के पेपर में छत्तीसगढ़ी भाग थोड़ा मुश्किल लगा, क्योंकि उन्हें कुछ शब्दों को समझने में समय लगा। कुल मिलाकर देखा जाए तो, यह दिन भाषा और निबंध के पेपर में उम्मीदवारों के लिए कुछ चुनौतियाँ और कुछ राहतें लेकर आया। अब देखना यह है कि, आने वाले दिनों में बाकी पेपर कितने चुनौतीपूर्ण साबित होते हैं।