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Cabinet meeting concluded: Major decisions taken on these issues including crackdown on sand mafia, rates of agricultural land, Bharatmala- Arpa Bhainsajar projects
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनसे प्रदेश की जनता को सीधा लाभ मिलेगा और विकास को नई गति मिलेगी। खासकर, रेत के अवैध उत्खनन पर लगाम कसने और आम जनता को सस्ती रेत उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं।
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम-2025 को मंजूरी दे दी है, जो 2019 और 2023 के पुराने नियमों की जगह लेगा। इस नए नियम का मकसद रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर पूरी तरह रोक लगाना है। सरकार का कहना है कि इससे आम जनता को सही दामों पर रेत मिल पाएगी।
नए नियम के तहत, रेत खदानों का आवंटन अब इलेक्ट्रॉनिक नीलामी से होगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। साथ ही, रेत निकालने में पर्यावरण और सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। यह फैसला रेत माफिया पर बड़ा प्रहार माना जा रहा है।
मंत्रिपरिषद ने प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY)-2024 के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस बदलाव से अब जिला खनिज न्यास के पास जमा राशि का कम से कम 70 प्रतिशत हिस्सा सीधे जनता की भलाई के कामों पर खर्च होगा।
इन कामों में मुख्य रूप से पेयजल, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, महिला एवं बाल कल्याण, बुजुर्गों और दिव्यांगों का कल्याण, कौशल विकास, रोजगार, स्वच्छता, आवास और पशुपालन जैसे उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र शामिल हैं। यह फैसला खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और वहां के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में मददगार होगा।
सरकार ने कृषि भूमि के बाजार मूल्य दरों के निर्धारण के संबंध में भी एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खंड की दर को खत्म कर दिया गया है। अब पूरे रकबे की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी। यह बदलाव "भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार" में सामने आई अनियमितताओं को रोकने में मदद करेगा।
इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्र की बदली हुई भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने का प्रावधान हटा दिया गया है। वहीं, शहरी सीमा से लगे गांवों और निवेश क्षेत्र की जमीनों के लिए अब वर्गमीटर में दरें तय की जाएंगी।
खेल प्रेमियों के लिए भी एक अच्छी खबर है! कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ (CSCS) को नवा रायपुर (अटल नगर) के सेक्टर-3, ग्राम परसदा में क्रिकेट अकादमी की स्थापना के लिए 7.96 एकड़ भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।
इस अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी से राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों को अपने हुनर को निखारने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी। सरकार का मानना है कि इससे छत्तीसगढ़ में क्रिकेट का भविष्य और उज्ज्वल होगा और राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी पहचान बना पाएंगे।