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Chhattisgarh: Crores earned from rejected coal; coal traders surrender 15 crores after GST raids
रायपुर। राज्य में बड़े कोयला कारोबारियों पर जीएसटी विभाग की सख्ती लगातार जारी है। अब तक करीब एक दर्जन कोल कारोबारियों के दफ्तरों और गोदामों पर छापेमारी की जा चुकी है। इसी कड़ी में इस सप्ताह जिन दो बड़े कोल कारोबारियों पर कार्रवाई हुई थी, उन्होंने बुधवार को 15 करोड़ रुपये का सरेंडर किया है। जांच में सामने आया है कि कोयला कारोबार में जीएसटी भुगतान में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया।
18% की जगह सिर्फ 5% GST का भुगतान
विभागीय जांच में खुलासा हुआ है कि कोल कारोबारियों को राज्य सरकार को 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना था, लेकिन विभिन्न नियमों और छूटों का गलत फायदा उठाकर कई कंपनियां सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी अदा करती रहीं। इससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
रिजेक्ट कोयले के नाम पर बड़ा खेल
जीएसटी विभाग की जांच में यह भी सामने आया है कि कोल कारोबारी ‘रिजेक्ट कोयला’ दिखाकर बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी कर रहे थे। आमतौर पर कोयले की खेप में करीब 30 प्रतिशत तक रिजेक्ट कोयला निकलता है, जिसे बेकार मानते हुए उस पर टैक्स नहीं दिया जाता।
हालांकि, जांच में पाया गया कि कई कारोबारी इसी रिजेक्ट कोयले को अच्छे कोयले में मिलाकर बाजार में बेच रहे थे। इससे रिजेक्ट कोयला भी कीमती हो जाता था और कारोबारी उस पर टैक्स दिए बिना मुनाफा कमा रहे थे।
जांच जारी, और खुलासों की संभावना
जीएसटी विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले की गहन जांच कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी कोल कारोबारियों पर कार्रवाई हो सकती है और टैक्स चोरी की रकम और बढ़ सकती है। राज्य सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि कर चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।