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रान्या पर कांग्रेस सरकार मेहरबान, CID जाँच का आदेश वापस: IPS पिता के कहने पर ही मिली थी प्रोटोकॉल सुविधाएँ

By: शुभम शेखर
Bangluru
3/15/2025, 12:49:24 PM
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Congress government is kind to Ranya, order of CID investigation withdrawn: Protocol facilities were provided only on the request of IPS father

बेंगलुरु एयरपोर्ट पर सोना तस्करी करते हुए पकड़ी गई अभिनेत्री रान्या राव को प्रोटोकॉल का फायदा मिलता था। यह फायदा रान्या के सौतेले पिता और DG रैंक के पुलिस अधिकारी के कहने पर दिए जाते थे। यह खुलासा DRI की पूछताछ में हुआ है। इस बीच इस मामले में CID जाँच का आदेश कांग्रेस सरकार ने वापस ले लिया है। पूछताछ से और भी जानकारियाँ सामने आई हैं।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, DRI पूछताछ में राज्य के प्रोटोकॉल अफसर बसावराज इब्ब्लूर ने बताया कि रान्या की पैरवी उसके पिता करते थे। उसके पिता DGP रामचंद्र राव के कहने पर ही प्रोटोकॉल सुविधाएँ दी जाती थीं। बसावराज ने वर्तमान मामले में भी रामचंद्र राव की संलिप्तता को लेकर बात की है।

उसने बताया है कि रामचंद्र राव ने उसे फोन किया था और रान्या के एयरपोर्ट से निकलने के लिए ग्रीन चैनल तैयार करने को कहा था। रान्या ने भी बसावराज से फोन पर बात की थी। यह पूछताछ में खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद रामचंद्र राव के इस मामले में रोल को लेकर और भी प्रश्न उठे हैं।

राव को लेकर जाँच राज्य के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी को दी गई है। कयास हैं कि वह अब राव को नोटिस जारी कर सकते हैं। उनको छुट्टी पर भेजे जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस मामले में अब जाँच के बाद ही स्थिति साफ़ हो पाएगी। वहीं कॉन्ग्रेस सरकार ने रान्या राव मामले में CID जाँच के लिए दिया गया आदेश वापस ले लिया है।

कर्नाटक सरकार ने मामले की गंभीरता बढ़ते देख 10 मार्च को CID जाँच का आदेश दिया था। हालाँकि यह आदेश 11 मार्च को गृह विभाग ने वापस ले लिया। इसके बाद राज्य सरकार की मंशा पर प्रश्न उठने लगे। काफी बवाल होने के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में एक सफाई जारी की।

गृह विभाग ने एक नोटिस में बताया कि मामले की जाँच पहले ही IAS गौरव गुप्ता कर रहे हैं, ऐसे में CID जाँच नहीं करवाई जाएगी। हालाँकि, यह कारण कई लोगों को समझ नहीं आया। क्योंकि IAS गुप्ता की जाँच का केंद्र रामचंद्र राव का रोल है।

इस मामले में भाजपा ने भी राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरा है। वहीं इस बीच रान्या राव से ही DRI की पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। रान्या राव ने बताया है कि उसे दुबई एयरपोर्ट पर सोना एक अनजान आदमी ने दिया था और वह चला गया था।

इसके बाद सोने को छुपाने के लिए रान्या ने स्वयं एक टेप खरीदा था। इस टेप से उन्होंने यह सोना शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर चिपकाया। टॉयलेट पेपर से इसको कवर किया गया था। यहाँ तक इसके लिए कैंची भी रान्या राव पहले से बैग में रख कर लाइ थी।

यह भी पूछताछ में पता चला कि रान्या राव ने अपने जूते और जींस में तक सोना रख लिया था। यह कुल 14 किलो से अधिक सोना था जिसकी कीमत ₹12 करोड़ है। रान्या राव को बेंगलुरु में गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके पास सोना मिलने के बाद लगातार इस मामले की जाँच चल रही है।

जमानत याचिका खारिज

बता दें कि, रान्या राव की जमानत याचिका को शुक्रवार को आर्थिक अपराध न्यायालय ने खारिज कर दिया।

डीआरआई का विरोध

सोने की तस्करी मामले में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने रान्या राव की जमानत याचिका का विरोध किया था। डीआरआई का कहना था कि अगर राव को जमानत दी जाती है, तो इससे जांच में बाधा पैदा हो सकती है और गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है। इसके अलावा, सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका भी जताई गई थी।

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