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Controversy over smart meters in MP: Panic due to 'Pakistan connection', threat of cyber attack?
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर एक बड़े विवाद का केंद्र बन गए हैं। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि इन मीटरों को लगाने वाली कंपनी में पाकिस्तान के कर्मचारी शामिल हैं, जिसके बाद साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
हाल ही में दिल्ली की एक कंसल्टिंग फर्म ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को एक पत्र लिखा, जिसमें चेतावनी दी गई है कि भोपाल में स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी में उच्च पदों पर पाकिस्तानी कर्मचारी काम कर रहे हैं। इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम ने इस पर गंभीर चिंता जताई है और इससे साइबर हमले का खतरा होने की आशंका भी जाहिर की है। इस मामले के सामने आने के बाद, मध्य प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है।
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा है कि अगर जांच में पाकिस्तान का कोई कर्मचारी शामिल पाया जाता है, तो पूरे राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोक दिया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि भारत के पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह के संबंध नहीं हैं, चाहे वह खेल हो या व्यापार।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व मंत्री पी.सी. शर्मा ने इसे भारत और मध्य प्रदेश की जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने जानबूझकर अपने लोगों को यहां तैनात किया है, ताकि इन मीटरों के माध्यम से भविष्य में हमले या धमाके किए जा सकें। उन्होंने सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।
स्मार्ट मीटर लगाने का यह टेंडर सऊदी अरब की कंपनी अलफनार को दिया गया है। अलफनार ने यह काम बेंगलुरु की कंपनी एसिया सॉफ्ट (Esya Soft) को सौंपा है, जिसने हाल ही में अपना मुख्यालय दुबई में स्थानांतरित कर लिया है।
इस प्रोजेक्ट के तहत, मध्य क्षेत्र के 16 जिलों में 9 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इनमें से अब तक 3 लाख से ज्यादा मीटर लगाए जा चुके हैं, जिनमें से अकेले भोपाल में 1 लाख 62 हजार से ज्यादा मीटर लग चुके हैं। अब इस विवाद के बाद, इन सभी मीटरों की सुरक्षा और इनके भविष्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।