

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार

Cyber gang operating from Dubai busted, mastermind arrested from Raipur
रायपुर। ओडिशा के राउरकेला साइबर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बहुचर्चित साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने सिविल टाउनशिप, बसंत कॉलोनी समेत कई जगहों पर छापेमारी कर साइबर ठगी के मास्टरमाइंड सहित कुल 10 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह ‘ट्रेड नाउ’ नामक फर्जी एप के माध्यम से देशभर के लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के कब्जे से 68 फर्जी सिम कार्ड, 19 एटीएम, 31 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, एक कार और एक स्कूटी बरामद की गई है। इस कार्रवाई को साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है।
मास्टरमाइंड दुबई से कर रहा था ठगी, रायपुर से हुई गिरफ्तारी
गिरोह का मास्टरमाइंड किशन अग्रवाल जो मूल रूप से रायपुर के मोवा इलाके का निवासी है, दुबई में बैठकर भारत सहित कई देशों में ठगी का नेटवर्क चला रहा था। पुलिस ने उसे रायपुर के अवनी ग्रीन इलाके से गिरफ्तार किया है। किशन दुबई से ही अपने नेटवर्क को कंट्रोल करता था और समय-समय पर भारत आकर नेटवर्क को मजबूत करता था।
सूत्रों के अनुसार, गिरोह ने दक्षिण और पश्चिम एशियाई देशों में संगठित अपराध नेटवर्क खड़ा कर रखा था और हवाला के जरिए लेन-देन किया जाता था।
1.41 करोड़ की जब्ती, 176 बैंक खातों की जांच जारी
अब तक पुलिस ने 23 बैंक खातों से कुल 1.41 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। इसके अलावा 176 अन्य बैंक खातों की जांच की जा रही है, जिनका सीधा संबंध इस साइबर गिरोह से है। गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के समन्वय पोर्टल से मिले इनपुट के मुताबिक, ये गिरोह अब तक देशभर में 27 साइबर अपराध मामलों में शामिल रहा है।
छत्तीसगढ़ से जुड़े हैं 7 आरोपी
गिरफ्तार आरोपितों में से 7 आरोपी छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से हैं।
कुणाल अग्रवाल – रायपुर
गिरधारी सिंह – जशपुर
अजय कुमार – कोरबा
संदीप सोनी – बलौदाबाजार
सौमेंद्र सिंह राजपूत – जांजगीर-चांपा
दिनेश कुमार साहू – जांजगीर-चांपा
आशुतोष भारद्वाज – सारंगढ़
इसके अलावा एक आरोपी अर्जुन सिंह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग का निवासी है।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे 'ट्रेड नाउ' नामक फर्जी निवेश एप का उपयोग कर लोगों को शेयर बाजार में मुनाफे का झांसा देकर ठगते थे। जिन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कराए जाते थे, वे कुछ खास खाता संचालकों के नाम पर थे, जो हर दिन 50 लाख रुपये तक का लेन-देन करते थे।