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ECI's new initiatives in by-polls: Mobile deposit facility, advanced VTR sharing and 100% webcasting
रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आज पांच विधानसभा क्षेत्रों (ACs) में हुए उप-चुनावों में कई महत्वपूर्ण नई पहलों को सफलतापूर्वक लागू किया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री ज्ञानेश कुमार, और निर्वाचन आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की दूरदर्शिता से परिकल्पित इन कदमों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को और अधिक सुगम और पारदर्शी बनाना है।
ये उप-चुनाव गुजरात के 24-कड़ी (SC) और 87-विसावदर, केरल के 35-नीलांबुर, पंजाब के 64-लुधियाना पश्चिम और पश्चिम बंगाल के 80-कालीगंज ACs में हुए, जहां कुल 1354 मतदान केंद्रों पर मतदान संपन्न हुआ।
मोबाइल जमा सुविधा: सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए पहली बार मोबाइल जमा करने की सुविधा प्रदान की गई। यह पहल विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग (PwD) मतदाताओं के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई, जिन्हें अक्सर मतदान केंद्र में प्रवेश करने से पहले अपने मोबाइल फोन रखने में परेशानी होती थी। मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर साधारण पिजनहोल बक्से या जूट के थैले उपलब्ध कराए गए थे, और स्वयंसेवकों ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद की।
मतदान रुझानों को तेजी से अपडेट करने के लिए एक उन्नत VTR साझाकरण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक लागू किया गया। अब प्रत्येक मतदान केंद्र का पीठासीन अधिकारी मतदान समाप्त होने पर मतदान केंद्र छोड़ने से पहले नए ECINET ऐप पर सीधे मतदाता टर्नआउट दर्ज कर रहा है। इससे पहले, डेटा मैन्युअल रूप से एकत्र किया जाता था और अपडेट होने में घंटों लगते थे, जिससे अंतिम मतदान प्रतिशत देर रात या अगले दिन तक ही उपलब्ध हो पाता था। इस नई प्रणाली से अनुमानित मतदान प्रतिशत नेटवर्क कनेक्टिविटी के अधीन, मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद उपलब्ध होगा। जहां मोबाइल नेटवर्क अनुपलब्ध हैं, वहां प्रविष्टियां ऑफ़लाइन की जा सकती हैं और कनेक्टिविटी बहाल होने पर सिंक की जा सकती हैं।
पूरी मतदान प्रक्रिया की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए पांच उप-चुनाव वाले ACs में एक को छोड़कर सभी मतदान केंद्रों पर मतदान-दिवस की गतिविधियों की शत-प्रतिशत वेबकास्टिंग की गई। रिटर्निंग ऑफिसर (RO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) स्तरों पर समर्पित निगरानी टीमों ने मतदान की कार्यवाही पर कड़ी नजर रखी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महत्वपूर्ण गतिविधियां सुचारू रूप से चलें और मतदान प्रक्रिया का कोई उल्लंघन न हो।
सभी पीठासीन अधिकारियों को व्यक्तिगत मॉक पोल प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
लगभग दो दशकों में पहली बार उप-चुनावों से पहले मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) किया गया था।
ECI के अनुसार, इन उपायों का उप-चुनावों में सफल कार्यान्वयन आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में इन सभी पहलों को पूरी तरह से लागू करने का मार्ग प्रशस्त करता है। यह चुनाव आयोग की निष्पक्ष, पारदर्शी और सुलभ चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।