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Elon Musk receives a salary package of ₹88 lakh crore, could become the world's first trillionaire; Tesla shareholders approve
नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के सीईओ एलन मस्क एक बार फिर सुर्खियों में हैं। कंपनी के शेयरधारकों ने मस्क के रिकॉर्डतोड़ 88 लाख करोड़ रुपये (लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर) के वेतन पैकेज को मंजूरी दे दी है। इस ऐतिहासिक फैसले के साथ मस्क दुनिया के पहले ट्रिलियनेयर बनने की राह पर हैं।
मस्क का यह वेतन पैकेज प्रदर्शन आधारित (Performance-Linked) है, जिसमें उन्हें अगले 10 वर्षों में तीन बड़े लक्ष्य हासिल करने होंगे।
1. टेस्ला के मार्केट वैल्यू को मौजूदा 1.4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़ाकर 8.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना।
2. कंपनी के सेल्फ-ड्राइविंग सॉफ्टवेयर के 1 करोड़ पेड सब्सक्राइबर बनाना।
3. 10 लाख ह्यूमनॉइड रोबोट बेचने का लक्ष्य पूरा करना।
इन सभी लक्ष्यों को पूरा करने पर मस्क को यह पूरा वेतन पैकेज मिलेगा, जो वैश्विक कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा पेमेन्ट स्ट्रक्चर माना जा रहा है।
इस फैसले के बाद अमेरिका में बहस तेज हो गई है। न्यूयॉर्क पेंशन फंड ने इस वेतन को “अत्यधिक” और “परफॉर्मेंस से ज्यादा ताकत पर आधारित” बताया है। फंड ने कहा, “मस्क का फोकस इनोवेशन नहीं, बल्कि बिना रोकटोक कॉर्पोरेट ताकत बढ़ाने पर है। उनकी तथाकथित ‘रोबोट आर्मी’ आम लोगों की नौकरियां छीन सकती है।”
अमेरिका में पहले से ही सुपर रिच टैक्स को लेकर बहस जारी है, और अब मस्क के ट्रिलियन डॉलर पैकेज ने इस विवाद को और हवा दे दी है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मस्क का यह वेतन पैकेज कॉर्पोरेट वर्ल्ड में असमानता और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन बेरोजगारी पर नई बहस को जन्म देगा।